गुरुवार, 30 जनवरी 2014

गौ धन की सेवा सबके भाग्य में नहीं होती......


आपका परम सौभाग्य है की आपको भगवान की सच्ची सेवा का अवसर प्राप्त होता है …..मार्कंडेय पुराण में लिखा है की जिस भोमि पर गौ वंश सुख से श्वास छोडता है वह तीर्थ के सामान हो जाती है …और जहां गौवंश कष्ट पाता है या उसका रक्त बहता है वहाँ किये गए सभी अनुष्ठान .यग्य पूजाएं निष्फल सिद्ध होती हैं भारत में गौ हत्या को लेकर कई आंदोलन हुए हैं और कई आज भी जारी हैं, लेकिन किसी में भी कोई ख़ास कामयाबी हासिल नहीं हो सकी. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि उन्हें जनांदोलन का रूप नहीं दिया गया. यह कहना क़तई ग़लत न होगा कि ज़्यादातर आंदोलन स़िर्फ अपनी सियासत चमकाने सीमित रहे. जगज़ाहिर है, गौ हत्या से सबसे बड़ा फ़ायदा तस्करों एवं गाय के चमड़े का कारोबार करने वालों को होता है. इनके दबाव के कारण ही सरकार गौ हत्या पर पाबंदी लगाने से गुरेज़ करती है. वरना क्या वजह है कि जिस देश में गाय को माता के रूप में पूजा जाता हो, वहां सरकार गौ हत्या रोकने में नाकाम है. हैरत की बात यह है कि गौ हत्या पर पाबंदी लगाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है. इसके बावजूद अभी तक इस पर कोई विशेष अमल नहीं किया गया,

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