मंगलवार, 12 अगस्त 2014

क्या कहते है धर्म शास्त्र और महापुरूष

क्या कहते है धर्म शास्त्र और महापुरूष
-धेनु. सदनम् रयीणम्-गाय सम्पतियों का घर है- अथर्ववेद
-गौमात्रा न विधते-यानी गौ अनुपमेय है- यजुर्वेद
-गाय निरपराध जीव है, उसे नहीं मारना चाहिये- ऋग्वेद-10.101-15
-गौहत्या जैसा घृणित दुष्कृत्य करने वाले का सिर धड से अलग कर देना चाहिये- ऋग्वेद-18.87.16.
-श्रीकृष्ण ने बृजमण्डल में गौ चारण नंगे पाॅंव किया- श्रीमद्भागवत महापुराण
-गौ द्विज-धैनु देव हितकारी, कृपा सिन्धू मानस तनूधारी- रामचरितमानस
-जो सवेरे शयन से उठकर भक्ति पूर्वक गौ की परिक्रमा करता है उसके द्वारा समूची पृथ्वी की परिक्रमा हो जाती है इसमें कोई संशय नहीं हैं- महाभारत श्रीकृष्ण-युधिष्ठर संवाद्
-गौहत्या की अनुमति देने वाला काटनेवाला-पकाने वाला, खरीदनेवाला, बेचने वाला परोसने वाला खाने वाला सभी गौहत्या के दोषी है। इनको मत्यु दण्ड मिलना चाहिये-मनु. 11.95
-गौरक्षा से ही मानव मात्र सुरक्षित हो सकता है- भगवान महावीर स्वामी
-एक बैल को मारना-एक मनुष्य को मारने के समान है- ईसा मसीह
-गाय का दूध रसायन, गाय का घी अमृत और गाय का माॅंस बीमारी हैं- पैंगंबर मोहम्मद साहब
-गाय की कुर्बानी इस्लामी धर्म का नियम नहीं हैं- फतबे हुमायुनी
-गौ हत्या हेतु मुस्लिम आग्रह मूर्खता की पराकाष्ठा हैं- सुलतान अहमद खाॅं
-ना कुरान, ना ही अरब प्रथा-गौ कुर्बानी की इजाजत देती हैं- हकीम अजमल खाॅं
-जब तक भारत भूमि पर गौमाता के रक्त की एक भी बूंद गिरेगी तब तक कोई धार्मिक अनुष्ठान सफल नहीं होगा- पूज्य देवराहा बाबा
-यह देहु आज्ञा तुर्क गाहे खपाउ, गउ घात का दोष जग से मिटाउ- चण्डी-दि-वार-गुरूगोविन्द सिंह

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें