गुरुवार, 9 अक्तूबर 2014

आ जाओ नन्द नन्दन !!भजन!!

॥श्रीसुरभ्यै नमः॥श्रीगोभ्यः नमः॥
आ जाओ नंद नदंन
मेरी गोमाता की जान बचाने,आ जाओ नंद नदंन।
हे गो पालक गोपाल तुम्हारा,शत शत है अभिनंदन॥
हम करते हैं तुम्हें वंदन ॥
तुम भक्त सुदामा से मिलने को,नंगे पाँव भगे थे।
और अर्जुन की रक्षा करने को,दिन और रात जगे थे।
ये भूखी प्यासी गाय तुम्हारी,भटक रही है वन वन।।
हम करते हैं तुम्हें वंदन॥01॥
जब विपदा आती भक्तों पर,तब तुम गिरराज उठाते।
आज मर रही गो माता ,तुम भगकर क्यों नहीं आते।
चहुँ और गऊ को मार रहे है,बन कर इसके दुश्मन॥
हम करते हैं तुम्हें वंदन॥02
गौ की पूजा करते हैं,श्री बह्मा विष्णु भोले।
गायत्री सावित्री गौ माँ,दर-दर फिरती डोले।
कष्ट नष्ट कर देने वाले,दे दो अब तो दर्शन॥
हम करते हैं तुम्हें वंदन॥03॥
अब लो तुम अवतार प्रभुजी, तो ये बचेगी गैया।
"गो तेरे आगे-गो तेरे पीछे" हैं गोपाल कन्हैया।
देर हुई तो कट जायेगा, गो माता का तन-तन॥
हम करते हैं तुम्हें वंदन॥04॥
धर्म की हानि जब होती,तुमने अवतार लिया है।
"यदा-यदा हि धर्मस्य" गीता में वचन दिया हैं।
"श्रीकृष्ण" जल्दी से उठालो,अपना चक्र सुदर्शन॥
हम करते हैं तुम्हें वंदन॥05॥
॥श्रीसुरभी मईयाँ की जय॥

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