बुधवार, 13 जनवरी 2016

हिन्दू धर्म में गाय को क्यों पवित्र माना जाता है?

 Hindu dharam mein cow ko kyon pavitar mana jata hai

हिन्दू धर्म में गाय को क्यों पवित्र माना जाता है?
गाय हिन्दु्ओं के लिए सबसे पवित्र पशु है। इस धरती पर पहले गायों की कुछ ही प्रजातियां होती थीं। उससे भी प्रारंभिक काल में एक ही प्रजाति थी। आज से लगभग 9,500 वर्ष पूर्व गुरु वशिष्ठ ने गाय के कुल का विस्तार किया और उन्होंने गाय की नई प्रजातियों को भी बनाया, तब गाय की 8 या 10 नस्लें ही थीं जिनका नाम कामधेनु, कपिला, देवनी, नंदनी, भौमा आदि था। कामधेनु के लिए गुरु वशिष्ठ से विश्वामित्र सहित कई अन्य राजाओं ने कई बार युद्ध किया, लेकिन उन्होंने कामधेनु गाय को किसी को भी नहीं दिया। गाय के इस झगड़े में गुरु वशिष्ठ के 100 पुत्र मारे गए थे।
दरअसल, भारत एक कृषि-प्रधान देश है। कृषि ही भारत की आय का मुख्य स्रोत है। ऐसी अवस्था में किसान को ही भारत की रीढ़ की हड्डी समझा जाना चाहिए और गाय किसान की सबसे अच्छी साथी है। गाय के बिना किसान व भारतीय कृषि अधूरी है। प्राचीन भारत में गाय समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। युद्ध के दौरान स्वर्ण, आभूषणों के साथ गायों को भी लूट लिया जाता था। जिस राज्य में जितनी गाएं होती थीं उसको उतना ही संपन्न माना जाता है। किंतु वर्तमान परिस्थितियों में किसान व गाय दोनों की स्थिति हमारे भारतीय समाज में दयनीय है। इसके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ रहे हैं।
एक समय वह भी था, जब भारतीय किसान कृषि के क्षेत्र में पूरे विश्व में सर्वोपरि था। इसका कारण केवल गाय थी। भारतीय गाय के गोबर से बनी खाद ही कृषि के लिए सबसे उपयुक्त साधन थे। खेती के लिए भारतीय गाय का गोबर अमृत समान माना जाता था। इसी अमृत के कारण भारत भूमि सहस्रों वर्षों से सोना उगलती आ रही है। किंतु हरित क्रांति के नाम पर सन् 1960 से 1985 तक रासायनिक खेती द्वारा भारतीय कृषि को नष्ट कर दिया गया। अब खेत उर्वरा नहीं रहे।
अब खेतों से कैंसर जैसी ‍बीमारियों की उत्पत्ति होती है। रासायनिक खेती ने धरती की उर्वरा शक्ति को घटाकर इसे बांझ बना दिया। गाय के गोबर में गौमूत्र, नीम, धतूरा, आक आदि के पत्तों को मिलाकर बनाए गए कीटनाशक द्वारा खेतों को किसी भी प्रकार के कीड़ों से बचाया जा सकता है। वर्षों से हमारे भारतीय किसान यही करते आए हैं। आधुनिक विकास के नाम पर अमेरिकी और यूरोपीय लोगों ने हमारी सभ्यता, संस्कृति के साथ ही हमारी धरती को भी नष्ट कर दिया। आम भारतीय तो समझदार होता है लेकिन जिसने विदेशों में पढ़ाई की है उसके भारतीय होने की कोई गारंटी नहीं। खैर…

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