बुधवार, 13 जनवरी 2016

विदेशी गायों का दूध और अन्य कितना हानीकारक

विदेशी गायों का दूध और अन्य कितना हानीकारक,
विषाक्त है विदेशी गऊओं का दूध : मथुरा
के ‘पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गौपाल अनुसंधान संस्थान’ में नेशनल
ब्यूरो ऑफ जैनेटिक रिसोर्सिज, करनाल (नेशनल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च,
भारत सरकार) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. देवेन्द्र कुमार सदाना द्वारा एक
प्रस्तुति 4 सितंबर को दी गई।मथुरा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के सामने दी गई प्रस्तुति में डॉ. सदाना ने जानकारी दी कि:-
अधिकांश विदेशी गौवंश (हॉलस्टीन,
जर्सी, एचएफ आदि) के दूध में ‘बीटा कैसीन ए 1’ नामक प्रोटीन पाया जाता है
जिससे अनेक असाध्य रोग पैदा होते हैं। पांच रोग होने के स्पष्ट प्रमाण
वैज्ञानिकों को मिल चुके हैं-
1. इस्चीमिया हार्ट डिजीज (रक्तवाहिका नाड़ियों का अवरुद्ध होना)।
2. मधुमेह-मिलाइटिस या डायबिटीज टाइप-1 पैंक्रियाज का खराब होना जिसमें इंसुलिन बनना बंद हो जाता है।)
3. आटिज्म (मानसिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म होना)।
4. सीजोफ्रेनिया (स्नायु कोषों का नष्ट होना तथा अन्य मानसिक रोग)।
5. सडन इनफैण्ट डेथ सिंड्रोम (बच्चे किसी ज्ञात कारण के बिना अचानक मरने लगते हैं)।
टिप्पणी : विचारणीय
यह है कि हानिकारक ‘ए1’ प्रोटीन के कारण यदि उपरोक्त पांच असाध्य रोग होते
हैं तो और भी अनेक रोग भी तो होते होंगे। यदि इस दूध के कारण मनुष्य का
सुरक्षा तंत्र नष्ट हो जाता है तो फिर न जाने कितने ही और रोग भी हो रहे
होंगे जिन पर अभी खोज नहीं हुई।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें