शनिवार, 17 मार्च 2018

गाय मरी तो मरता कौन? गाय बची तो बचता कौन?


गाय मरी तो मरता कौन? गाय बची तो बचता कौन?  

डॉ. मनमोहन बजाज, डॉ. इब्राहिम एवं डॉ. विजय राज ने अपने शोधों से यह साबित कर दिया है कि “पृथ्वी पर भूकंप अधिकांशत: ई.पी. वेव्स के कारण ही आते हैं | ये वेव्स गाय एवं अन्य प्राणियों को क़त्ल करते समय उत्पन्न दारुण वेदना एवं चीत्कार से निकलती है|” कटती गायों की चीत्कार से पृथ्वी की रक्षा कवच कही जानेवाली ओजोन परत में 2 करोड़ 70 लाख वर्ग किलोमीटर का छिन्द्र हो गया है| यदि गायों की हत्या इसी प्रकार चलती रही तो वर्ष 2020 तक प्रलय की सम्भावना निश्चित है|

क्या आप जानते है ? 
कोल्डड्रिंक्स, फास्टफूड, घी, बिस्किट आदि में गाय का मांस, रक्त और चर्बी मिलायी जाती है|

देश की आज़ादी के समय   – 90 करोड़ गोधन
सन् 2000 में रह गया        – 10 करोड़ गोधन
सन् 2010 में रह गया        – 3 करोड़ गोधन 


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