बुधवार, 23 मई 2018

पहली रोटी गाय माता की

पहली रोटी गाय माता की

#गाय को लेकर भी हिंदू धर्म में ऐसी पौराणिक मान्यता है कि घर में बनी पहली रोटी को गाय को जरूर खिलानी चाहिए। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक खाना बनाते वक्त हमेशा पहली रोटी गाय के लिए बनानी चाहिए।

इसके बाद ही परिवार के बाकी लोगों के लिए रोटियां सेकनी चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि गाय की उस रोटी में थोड़ी हल्दी भी मिली हो।

इससे गाय को रोटी खिलाने का अपार फल मिलता है। गुरुवार को लोई (सना हुआ आटा) में हल्दी मिलाकर भी गाय को खिलाने से जीवन में शुभता और वैभव हासिल करने के लिए खिलाए जाने की परंपरा है।  

हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। इसलिए रोज एक रोटी गाय को खिलानी चाहिए।

इससे सभी देवता प्रसन्न होते हैं , व्यक्ति की हर मुराद पूरी करते हैं और इससे व्यक्ति के परिवार में खुशियों का वास होने लगता है।

इसलिए हर रोज सुबह-सुबह रोटियां बनाए जाने के दौरान पहली रोटी गाय के लिए अलग से निकाले जाने और खिलाने की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके जीवन में लौकिक और अलौकिक दोनों फलों की प्राप्ति होती है।

गाय माता की सेवा सब सुख का मूल है...

शुक्रवार, 4 मई 2018

“गो-ग्रासकी महिमा”

“गो-ग्रासकी महिमा”

तीर्थस्नानेषु यत्पुण्यं यत्पुण्यं विप्रभोजने ।
सर्वव्रतोपवासेषु सर्वेष्वेव तपःसु च ।।
यत्पुण्यं च महादाने यत्पुण्यं हरिसेवने ।
भुवः पर्यटने यत्तु वेदवाक्येषु यद्भवेत् ।।
यत्पुण्यं सर्वयज्ञेषु दीक्षायां च लभेन्नरः ।
तत्पुण्यं लभते प्राज्ञो गोभ्यो दत्त्वा तृणानि च ।।
तीर्थोंमें स्नान करने, ब्राह्मणभोजन करवाने, समस्त व्रत-उपवासोंको करने एवं तप-साधनोंद्वारा, महादान-सर्वस्वदानके करने, हरिकी सेवा, भूमण्डलकी प्रदक्षिणा, वेदवाक्योंका श्रवण-पाठ, विविध यज्ञोंके अनुष्ठान तथा दीक्षा ग्रहण आदि करनेसे जो महापुण्य अर्जित किया जाता है, वह सभी महापुण्य भाग्यवान् मनुष्य मात्र गौओंको गो-ग्रास – चारा प्रदान करके प्राप्त कर सकता है ।
(‘कल्याण’ पत्रिका; वर्ष – ६६, संख्या – १० : गीताप्रेस, गोरखपुर)