सरकार से मुख्य आग्रह
( गौरक्षा संबंधित कानूनी बिंदु)
1. गौ माता को राष्ट्र माता के पद पर विराजमान करे (गौ माता को सम्मान मिले)।
2. गो रक्षा हेतु केंद्रीय कानून बने ।
3. भारतवर्ष में गौ हत्या पूरी तरह समाप्त हो ।
(गोगव्य महत्व संबंधित बिंदु)
1. गोबर, गोमूत्र को लेकर के बृहद अनुसंधान और विश्वविद्यालय बने जिससे गोवर, गोमूत्र का कृषि और अन्य उपयोग में महत्व बढे ।
2. गौ माता का दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र को बढ़ावा मिले, उस संदर्भ में शासन उचित नीतियां बनाए ।
3. गोवर, गोमूत्र से जुड़े प्रसंस्करण यूनिट को बढ़ावा दिया जाए और नवीन अनुसंधान हो ।
4. रासायनिक कृषि को नियंत्रित कर गो अधारित कृषि को बढ़ावा दिया जाए।
5. सरकारी भवनों और चिकित्सालय में सामान्य पेंट की जगह गोबर पेंट और फिनायल की जगह गौनाईल उपयोग आनिवार्य किया जाए।
6. आयुर्वेदिक चिकित्सालय में पंचगव्य औषधियों का निःशुल्क वितरण किया जाए।
7. गोवर गोमूत्र से जुड़े उद्यम लगाने के लिए उद्यमियों को प्रेरित करें (किसी भी फैक्ट्री वाले को जमीन देने से पहले यह तय करें, कि आप गौ सेवा से जुड़ा हुआ कोई एक कार्य साथ साथ करेगे)
8. सरकारी नियंत्रण में चल रहे मंदिरों में भोग, आरती, पूजा और प्रसाद में देशी गोमाता का दूध, दही, घी का उपयोग अनिवार्य किया जाए।
9. बड़े शॉपिंग मॉल में गो आधारित कृषि उत्पाद और देशी गो से संबंधित डेयरी और गोवर गोमूत्र उत्पात विक्रय हेतु एक काउंटर की अनिवार्यता लागू की जाए।
10. बेल आधारित कृषि करने वाले बेल धारक किसानो को विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
(अनुदान एवं चारा संबंधित बिंदु)
1. सभी राज्यों में निराश्रित गोवंश हेतु संचालित गौशालाओ को अनुदान प्राप्त हो, जिससे निराश्रित गोवंश की उचित सेवा हो ।
2. चारे की उचित कीमत तय की जाए, चारे के अवैध भंडारण पर रोक लगे जिससे माफिया पर लगाम लगे।
3. घास का उपयोग केवल गो आहार और पशु आहार के रूप में हो, अन्य उपयोग न हो, चारे को फैक्ट्रीयो में जलाने पर प्रतिबंध लगे।
4. देश भर में आरक्षित गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने हेतु कार्यवाही हो गोचर विकास बोर्ड की स्थापना हो गोचर भूमिका उपयोग केवल गोशाला संचालन और गो चारण हेतु उपयोग ली जाए।
(गोशाला संबंधित बिंदु)
1. प्रत्येक ग्राम पंचायत पर निराश्रित नर गोवंश के लिए नंदीशाला की स्थापना हो ।
2. गौशालाओं को मनरेगा से जोड़ा जाए, ताकि गौशाला में काम करने वाले लोगों को 100 दिन का ग्वाल वेतन मनरेगा से प्राप्त हो एवं मनरेगा योजना के तहत गौशालाओं में निर्माण कार्य हो।
3. सम्पूर्ण देश में गोवंश संख्या के आधार पर गौशालाओं को एक निश्चित बिजली यूनिट निःशुल्क आवंटित हो अथवा बिजली बिल में एक निश्चित प्रतिशत छूट मिले।
4. अधिक दान प्राप्त करने वाले सरकारी नियंत्रण में चल रहे मंदिरों के साथ गोशाला संचालन अनिवार्य किया जाये।
5. महानगरों में बड़े आवासीय क्षेत्र में गोशाला स्थापित करने हेतु बिल्डर को पृथक स्थान छोड़ने के निर्देश जारी किए जाए ताकि वहाँ रहने वाले गोप्रेमियों को गो दर्शन और गो ग्रास का लाभ प्राप्त हो एवं निराश्रित गोवंश को आश्रय प्राप्त हो सके।
(कानून संबंधित बिंदु)
1. गौ हत्यारों, गो तस्करी में लिप्त अपराधियों के लिए आजीवन कठोर कारावास जैसी सजा का प्रावधान हो।
2. गो तस्करी में उपयोग आने वाले वाहनों की जब्ती होने पर जमानत न हो व सदा सदा के लिए राजसाद हो और उन्हें नीलाम किया जाए अथवा गौशालाओं को उपयोग हेतु सौंप दिया जाए।
3. कंपनियों के CSR फंड मे से एक निश्चित राशि गो सेवा से जुड़े कार्यों हेतु खर्च करने की अनिवार्यता लागू हो ।
4. सिंगल यूज़ पॉलीथिन केरी वेग के उपयोग पर शक्तिपूर्वक प्रतिबंध लगाया जाए अथवा उसके उपयोग के पश्चात विधिवत निस्तारण किया।
5. पशु मेलो के नाम पर हो रही अवैध गो तस्करी पर अंकुश लगाने हेतु केंद्रीय क्रानून बने ।
(गो चिकित्सालय एवं विद्यालय से संबंधित बिंदु)
1. जिला स्तर पर पृथक से पंचगव्य चिकित्सालयो की स्थापना हो ।
2. विद्यार्थियों को दिए जाने वाले मिड डे मील में देशी गाय माता के ताजा दूध अथवा देशी गाय माता के दूध का पाउडर को शामिल किया जाये ।
3. संस्कृत महाविद्यालय में गोसेवा प्रकल्प अनिवार्य किए जाये।
4. सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में देशी गाय के आर्थिक वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व के विषय अनिवार्य किए जाए।
5. राजमार्गों पर होने वाली गो दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के उपाय किए जाए, प्रत्येक 50 किमी अथवा प्रत्येक टोल प्लाजा पर घायल गोवंश को तत्काल उपचार मुहैया कराने हेतु गो वाहिनी एम्बुलेंस और गो चिकित्सालय की व्यवस्था हो ।