बुधवार, 12 दिसंबर 2018

गौसेवा के प्रकार

गौ सेवा के प्रकार

क्रियात्मक गोसेवा
रचनात्मक गोसेवा
सर्जनात्मक गोसेवा
भावात्मक गोसेवा

क्रियात्मक गोसेवा
तन से होती है ,जैसे गौशाला की सफाई ,गौ माता को स्नान कराना ,गौ माता की मालिश करना ,गोग्रास  परोसना (चारा, पानी आदि)

रचनात्मक गोसेवा
उपासना एवं आहार में पंचगव्य का उपयोग करना ,अपनी आय का एक अंश गोसेवा में लगाना, परिचित लोगों को भी पंचगव्य के लिए प्रेरित करना , गौ सेवा के लिए प्रेरित करना आदि।

सर्जनात्मक गोसेवा
गोचर ,गोभूमि को गाय के लिए आरक्षित करवाना एवं उसका विकास करना,भारतीय गोवंश के संवर्धन के लिए कार्य करना , पंचगव्य विनियोग के लिए कार्य करना (संकलन,वितरण) आदि।

भावात्मक गोसेवा
अपने इस से प्रार्थना करना (गोरक्षा ,गोसेवा, गोपालन के लिए), यह विचार करना कि गोवंश सुखी कैसे हो गोवंश दुखी नहीं हो आदि।

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