प्रातः काल उठकर सभी गोमाता को इस भाव से याद करें कि,,,
इतनी ठण्ड में भूखी गाय, रात कैसे गुजारी होगी? अभी दिन उग आया, हमने चाय, दूध, नाश्ता कर दिया या गर्मा गर्म अभी तैयार हो रहा है, पर गोमाता के लिये क्या? घर घर अभी आयेगी, भिखारी की तरह हमारे गेट पर खड़ी घंटों इंतजार करेगी, मिलेगा क्या? कोई टुकड़ा देगा, कोई दुत्कार और डंडा। कहाँ जाय, किसे सुनाए अपनी व्यथा? सर्दी, गर्मी, बरसात, हारी- बीमारी, भूख प्यास, मारपीट और कसाइयों द्वारा लेजाते समय अमानवीय अत्याचार, फिर बेमौत मारना,,,, कितने अत्याचार इस धार्मिक कहे जाने वाले अधार्मिक भारत में गो के साथ हम और हमारे वोटों से बनने वाली सरकारें कर रही है? पैसा चाहिये तो गो को मारकर तोल कर पैसे ले लो, उसका लहू बेच दो, हड्डी बेच दो, उसका चमड़ा बेच दो, पेट का बच्चा बेच दो,,, क्या अपराध नहीं कर रहे हैं हम गो के साथ? फिर भी भगवान के सामने स्याने बन रहे हैं, हमारा कल्याण हो जाय, हम पैसे वाले बन जाएं, हमें स्वस्थ रखो, मानसम्मान दिलवा दो, हमें बड़ा बना दो, राजा बना दो, मंत्री संतरी बना दो, मठाधीश बना दो आदि आदि। माँ की माँ की माँ के साथ अत्याचार करने वाला, किस मुँह से भगवान से मांगता है? अरे दुष्ट मनुष्य की खाल में बैठे असुर,,, कब तक सुरक्षित रहेगा? तुझे तो तेरे पाप ही खा जाएंगे,,, भगवान किसी भी रूप में बचा नहीं पाएंगे। गाय से इतना बैर और अपनी सलामती की कामना रखता है? नहीं हो सकता,,,
तेरे बचने का अगर रत्तीभर भी कोई उपाय बचा है तो सिर्फ और सिर्फ गोसेवा,,, गो के अपराध सिर्फ गोसेवा से कम हो सकते हैं और किसी भी शास्त्र में देख लेना, किसी भी महापुरुष को पूछ लेना, कोई दूसरा उपाय नहीं है। अभी तेरा शरीर है, लग जा गोसेवा में,,, यह शरीर छूट गया तो फिर चौरासी में चला जायेगा जहाँ गो के साथ इस गोअपराधी देश का नागरिक होने के कारण जो अपराध हुए हैं उनका दण्ड आरम्भ हो जाएगा। तुम्हारे वोटों से बनने वाली सरकारों ने जो गो अपराध करवाये, होने दिए उनका फल तुम्हारे हिस्से में भी आयेगा। प्रभु को याद करके ईमानदारी से सोचना,,, कितना अपराध हुआ है और हो रहा है, इस भूमि पर गो के साथ,,, भगवान से प्रार्थना करो कि हमें इन अपराधों से बचने की बुद्धि और सामर्थ्य दें।
मकर संक्रान्ति का पुण्य दिवस नजदीक आ रहा हैं इसी पुण्य दिवस से एक कठोर संकल्प कर लो कि संपूर्ण मानव जीवन का के जीने का आधार ही गौ सेवा ह इसलिए आज से और अभी से ही तन से, मन से ,और धन से जैसे भी हो गौ माता जी की सेवा में ही मेरा अधिकांश जीवन समर्पित करना है
चाहे गौ माता जी को घर पर रखकर करना पड़े चाहे गौ साला में कम से कम 1 गौ माता जी के गोद जाकर करना पड़े पर गौ सेवा करने का संकल्प जीवन भर नहीं तोड़ना है।
रविवार, 13 जनवरी 2019
प्रातः काल उठकर सभी गोमाता को इस भाव से याद करें कि,,,
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