हम सभी किसी न किसी रूप में गौमाता के संरक्षण, संवर्धन, गऊ हत्या प्रतिबन्ध और गौ माता को राष्ट्रमाता के पद पर सुशोभित करने के लिए तन-मन-धन से पूर्ण मनोयोग से प्रयासरत है।
परंतु सफलता प्राप्त न होने के कुछ प्रमख कारण-
गौरक्षा व गौसेवा में कार्यरत सगठनो का आपस में समन्वय न होना।
धर्म ध्वजा लेकर चलने वाले साधू संतो का एक मत और एक मंच पर एकत्र न होना।
गौशाला संचालको की गऊ के पूर्ण पक्ष की उपयोगिता व जानकारी लोगो तक न पहुचाना।
सशक्त सूचना तंत्र का साधन न होना।
जन संपर्क व प्रचार-प्रसार की पूर्ण कमी।
देश के मीडिया का सहयोग न मिलना।
शासन-प्रसाशन में गौभक्तो व गौ विचारको की कमी होना और जो है उनसे हमारा संपर्क व समन्वय न होना।
हिन्दू समाज का प्रत्येक परिवार गऊ के लिए कुछ करना चाहता है परंतु उन तक अपना संपर्क नहीं बना पाते।
अपने कार्य का अवलोकन व सिंघालोकन न करना एवं समय के साथ चलकर कार्य को समय के अनुरूप न करना।
इत्यादि अन्य कई कारण हमारी विफलता के है।
संकल्प ले हम जिस स्थान पर रहते है कार्य करते है वहा के प्रत्येक हिन्दू परिवार को किसी न किसी रूप व प्रकार से गौसेवा या गौकार्य में जोड़ उन परिवारो को गौभक्त की श्रेणी जोड़ेगे।
जन संपर्क व प्रचार-प्रसार हेतु अपने ग्राम, नगर व मोहल्ले में गौ भजन संध्या, छोटी छोटी गऊ कथाएं, गौ प्रभात फेरी, गौ भिक्षा, गौ दान, गौ पूजन, गौ जागरण, गौ विषय पर प्रतियोगिता इत्यादि कार्य संचालित करे।
पंचगव्य चिकित्सा, पंचगव्य सामग्री निर्माण, गौ आधारित कृषि, पंचगव्य उत्पाद इत्यादि विषयो पर प्रशिक्षण शिविर लगाये।
धन्येवाद
निवेदक आपका मित्र
गोवत्स राधेश्याम रावोरिया
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