गौपाष्टमी पर्व की सभी गौ भक्तों (गोपालको) को गोक्रांति मंच की और से कोटि कोटि बधाईयाँ....
आज ही के दिन से भगवान श्रीकृष्ण गौवंश को गोवर्धन पर्वत पर.... संवर्धन हेतू विचरण के लिए ले गए थे....
आज के पावन दिन मैया यशोदा ने भगवान् श्रीकृष्ण का श्रृंगार करके उन्हें गौ चारण के लिए प्रथम बार भेजा था। जिस ब्रह्म की चरण रज के लिए ब्रह्मा-शंकर तक तरसते हैं वो चरण गौ माता की सेवा के लिए कंकड़ पत्थर और कुंज-निकुंजों में विचरण करते हैं।
गाय भगवान् श्री कृष्ण को सबसे ज्यादा प्रिय हैं। गाय की सेवा सीधी श्रीकृष्ण तक पहुँचती है। गौ माता की सेवा के कारण ही प्रभु का नाम गोपाल पड़ा। गाय हमारे आराध्य की भी आराध्या है। गौ माता में समस्त देवी-देवता निवास करते हैं।
आज के इस युग में भगवान् श्री कृष्ण को तो बड़े बड़े भोग लगाये जाते हैं पर उनकी प्राण प्यारी गाय भूखी-प्यासी इधर उधर भटकती रहती है। अपने घर पर गाय की सेवा नहीं कर सकते तो किसी गौशाला में गौ माता को दत्तक (गोद) जरुर ले लेना। आज से पवित्र दिन और कौन सा होगा ?
गौ सेवा एंव गौ रक्षा का संकल्प लें।
जय गौमाता जय गोपाल
निवेदक आपका मित्र
गोवत्स राधेश्याम रावोरिया
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