~~~ भगवान् शंकरकी गौभक्ति -(भाग २) ~~~
भगवान् शंकरकी गौओके प्रति कितनी प्रीति और कितनी भक्ति है- ईसकी एक कथा ब्रह्मपुराणमें आती है, जो ईस प्रकार है --
प्राचीनकालमें जाबालि नामक एक कृषक ब्राह्मण थे | वह मध्याह्न हो जानेपर भी अपने बैलोंको नहीं छोड़ता था, अपितु चाबुकसे ऊनके पृष्ठ और पार्श्वभागपर प्रहार करता रहता था |
ईस प्रकार ऊसके द्वारा पीड़ित और आँसू भरे नेत्रवाले बैलोंको जगन्माता कामधेनु गौने भगवान् शंकरके वाहन वृषभराज नंदीसे अपने पुत्र स्वरुप बैलोंकी ईस करुण कथाको कहां |
नंदीजी ने भी ऊन मुक बैलोंकी व्यथासे व्यथित होकर भगवान् शंकरसे ऊनका दुःख निवेदित किया | ईसे सुनकर भगवान् शंकरने नंदीजीसे कहां कि तुम्हारी ईच्छा के अनुसार ही कार्य सिद्धी होगी तुम जैसा चाहो वैसा न्याय करो |
नंदीजी ने भगवान् शंकर की आज्ञासे संपूर्ण गौसमुह को छुपा दिया | ईस प्रकार गौ-समुह के अदृश्य हो जानेपर स्वर्ग और धरती लोक में खलबली मच गई |
देवताओंने शीघ्रतासे ब्रह्माजीके पास जाकर कहां कि गौओंके बिना हम कैसे जी सकते हैं ??? बीना गौवंश के हम नही जी सकते | तब ऊन देवताओसें ब्रह्माजी ने कहां कि हे देवगण ! आप सब भगवान् शंकर के पास जाईये और याचना करीए |
ब्रह्माजीके कहनेके अनुसार सभी देवता शिवजीके पास आ गए और ऊनकी स्तुतिकरके अपना दुःख निवेदन किया , तब भगवान् शंकर बोले -
हे देवगण ! ईस विषय मे मेरा कोई बस नही, ईस विषय को मेरे नंदी महाराज ही जानते है, इतः तुम सब ऊन्ही के पास जाओ और ऊन्हींसे निवेदन करिए | देवताओं ने नंदीजीके पास जाकर कहां - हे नंदिन् आप हमें हमारी ऊपकारी और कल्याणी गौओं को कृपा करके दे दिजिए,ऊनके बीना हम नही जी सकते | ईसपर नंदीजी ने कहां - हे देवताओ ! आप लोग "गोसव" नामक यज्ञ करें, तभी जितनी दीव्य और मृत्युलोक की गौएँ हैं,
वे आपको प्राप्त हो सकती हैं, तदंतर देवोंने नंदीजीके कहे अनुसार गोमतीके पवित्र कछारमें "गोसव" यज्ञका अनुष्ठान किया, जिससे गौओंकी संख्यामें पुनः वृद्धी होने लगी और अदृश्य गौएँ भी पुनः प्राप्त हो गई...||
ईस प्रकार भगवान् शंकरकी गौमाताके प्रति भक्ति और गोवंशके प्रति प्रेम सिद्ध कीया...| ऊन्होने स्वयं न्याय न करते हुए यह अधिकार नंदीजी को दिया ताकी संसार को गोवंश की महीमा समझ आए...
आज भी लोग गौमाता पर हींसा करते है, और यही कारण है की जगह जगह पर प्राकृतिक विपदाए आती है, कहीं अतिवृष्टी, कहीं अनावृष्टी , कही भुकंप ...जबतक संपूर्ण गौवंश को पूर्ण रुप से सम्मान और प्रेम नही मिलेगा तबतक ऐसी ही विपदाओंका सामना हमें करना ही होगा....!!!