शुक्रवार, 29 मार्च 2019

गौ पालन हमारी और देश की आवश्यकता है।

प्रश्न - गौ पालन पर आने वाले खर्च को आम व्यक्ति नहीं उठा सकता। और गो को जीवित रख कर कोई "लाभ" नही है अतः गो वध जायज़ है।
उत्तर - हम सरकार चुनते ही इसलिए है कि वो इस प्रकार का खर्च करे। जैसे सड़क निर्माण। चलती जनता है पर निर्माण सरकार कराती है।
मूल बात ये है यहाँ पर कि हमें गाय पालन में विकास नहीं दिख रहा है जबकि सड़क निर्माण में विकास दीखता है।
ऐसा क्यों?
ऐसा ज्यादातर उन लोगो को लगता है जो ज्यादा भौतिकवादी होते है या संसार को केवल स्थूल दृष्टी से देखते है।
ऐसे लोगों की निगाह में किसान केवल एक मजदूर होता है जबकि वास्तव में वो सृजनकर्ता है। इंजीनियर होता है किसान।
बाकि भैंसे का दूध पिने वालो को ये बात समझ आनी कठिन है।
अब जरा ये समझे।
एक गाय अपने जीवन में जितना खाती है उससे ज्यादा का गोबर और मूत्र देती है। गाय के गोबर और मूत्र को शोधन करके अनेक प्रकार के लाभ मिल सकते है। ये विज्ञान द्वारा सिद्ध है।
भारत सरकार जितने मूल्य का खाद/यूरिया खरीदती है उतने का खर्च बच सकता है। यदि सरकार देसी खाद बनवाये गाय के गोबर और मूत्र से। और कोई भी गाय अपने पुरे जीवन में गोबर और मूत्र देती ही रहती है।
दूध का मूल्य तो अलग है ही।
ये बात भी प्रमाणित है कि देसी खाद से अन्न की पौष्टिकता ज्यादा होती है। लबे समय प्रयोग से हमारी जीवन शक्ति बढ़ती है। हम कम बीमार पढ़ेंगे तो दवाई कम खायेगे। और सीधे सीधे विदेशी कंपनियो को देने वाली लागत बचेगी। ये भी लाभ है।
एक और लाभ बताता हु।
लंबे समय तक यूरिया इस्तेमाल करने से ज़मीन की उर्वरकता खत्म हो जाती है। और वो जमींन बंजर हो जाती है। देश में ज्यादा बंजर ज़मीन होने पर खेती कम हो पाती है। फिर सरकार को अन्न की कमी को पूरा करने ले लिए अन्न को आयात करना पड़ता है। और अपना धन खर्च करना पड़ता है।
अगर हम देशी खाद इस्तेमाल करे तो जमीन बंजर नहीं होगी और फिर अन्न की कमी नहीं होगी और फिर हमें अपनी जमा पूंजी विदेशियो को नहीं देनी पड़ेगी। ये भी लाभ ही है।
अतः गौ पालन हमारी और देश की आवश्यकता है।
जय राम जी की

शुक्रवार, 22 मार्च 2019

माँ के दूध का ऋण

माँ के दूध का ऋण ,,,,,,,,
एक बार एक व्यक्ति अपनी गाय किसी अनजान व्यक्ति को बेचने लगा ! यह देख गाय हंसने लगी ! वह व्यक्ति बोला तुम क्यों हंस रही हो !
,,,,,,," हे मानव !!! जिंदगी भर मेने कुछ नहीं खाया ( जिससे तेरा अहित हो ) केवल घास फूस खाकर मेने तुझे "अमृत " ( पांच अमृत है - गाय का दूध , दही , घृत ,शहद एवं गन्ना ) दिया !
गोमाता बोली (१) मेने तुझे अपना दूध पिलाया वो दूध जिस पर मेरे बछड़े का हक़ था !
(२) वो दूध जिससे तेरी काया निरोगी और " मन सुन्दर" यानि मनो विकारों से रहित एवं देवक प्रवृतियों (सकारात्मक ऊर्जा ) से परिपूर्ण / आध्यात्मिक प्रवृति का निर्माण होता है !
( ३) मेने वो गोबर दिया जिससे खेत की भूमि उर्वरक एवं तेरे खेतों में पैदा होने वाला अन्न दैविक ऊर्जा से पोषित हुआ और उससे तेरे विचार तपस्वियों, देवताओं ,एवं योगियों जैसे सुन्दर एवं अध्यात्म से परिपूर्ण निर्मित हुए ! इसी लिए तो ऋषियों ने कहा है की मेरे गोबर में लक्ष्मी का वास  ( खनिज तत्व जो देविक ऊर्जा देते है ) है !
( ४) मेरे होने से तेरे घर का वास्तु दोष समाप्त हुआ !
(५) मेरे खुरों में सर्प का वास होने के कारण कालसर्प तेरे नजदीक भी नहीं दिखाई देता है !
(६) मेरा अमृत जैसा दूध पीकर तू अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण कर सका !
( ७) और अंत में मुझ "स्वर्गदात्री के कारण परलोक में स्वर्ग का अधिकारी बना !
माँ आगे बोली ,,,,,,,, तू जिस व्यक्ति को मुझे बेच रहा है वह एक कसाई है जो मुझे भयंकर एवं दर्दनाक मौत देगा ! वो मेरे शरीर की चमड़ी को नरम करने के लिए उबलता हुआ पानी मेरे ऊपर डालेगा , मुझे भूखा रखेगा , मुझे उलटा लटकाएगा ,मेरे ऊपर हंटरों से वार करेगा जिससे मेरा होमोग्लोबिन मेरी चमड़ी से चिपक जाय और चमड़ी किसी प्रकार नरम हो जाय ! इतना ही नहीं वह मेरी चमड़ी मेरे जीवित रहते ही उतारेगे जिससे मेरा खून चमड़ी पर ना जम सके !
हे मानव ! क्या मेरे दूध का ऋण ------- " ऐसी दर्दनाक मेरी मौत है "
विशेष ,,,,,, जरा सोचिये --- गाय एक परोपकारी आत्मा है ! अगर आप उसे ऐसी भयंकर एवं दर्दनाक मौत के लिए बेचेंगे या विवश करेंगे तो आप के प्रारब्ध ( भाग्य ) में कैसा पाप संचित होगा ! इस पर विचार करिये !!!!!!!!!!,,,,, मेरे विचार से ऐसे व्यक्तियों का परलोक में वास दर्द एवं दुखों से परिपूर्ण होगा यानि "नरक लोक  (रौरव नरक ) की भयंकर यातनाए "!
नीति -- UPA हो या  NDA  की सरकार  गौमांस   का निर्यात कर /बेचकर अपनी तिजोरी भरने के लिए कसाई घरों को सब्सिडी /अंशदान के साथ लाइसेंस देते है और विश्व में भारत को  ( बीफ )  गोमांस का सबसे बड़ा निर्यातक देश बना दिया है !  आप ऐसी सरकारों को चुनाव में वोट देकर गौ की नृशंस हत्या के पाप से शापित होना चाहोगे !  शायद नहीं !!!!  तो इनको अपना विशवास मत ना दे चाहे आपके परिवार का सगा सदस्य ही क्यों ना हो !  गौ रक्षा का प्रण   ले और पुण्य कमाएं ! 
हमेशा याद रखिये गाय एक ब्राह्मण है और ब्राह्मण की हत्या से ब्रह्म दोष लगता है यानि आपके जीवन में ब्रह्म गया / आध्यात्म ज्ञान कभी नहीं आएगा और  दोष ६ गुणा फलित होता है यानि सबसे बड़ा पाप लगेगा ! ऐसा पाप जिससे सभी देवी देवता रुष्ट होते है जो सुख समृद्धि देने वाले है !
यदि आप गौ हत्या नहीं चाहते तो  " हाँ या ना  " में जबाब दे जिससे आपकी आवाज सरकार तक पहुंचे !
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" जीवन का सत्य आत्मिक कल्याण है ना की भौतिक सुख !"
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जिस प्रकार मैले दर्पण में सूर्य देव का प्रकाश नहीं पड़ता है उसी प्रकार मलिन अंतःकरण में ईश्वर के प्रकाश का प्रतिबिम्ब नहीं पड़ता है अर्थात मलिन अंतःकरण में शैतान अथवा असुरों का राज होता है ! अतः ऐसा मनुष्य ईश्वर द्वारा प्रदत्त अनेक दिव्य सिद्धियों एवं निधियों का अधिकारी नहीं बन सकता है !
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"जब तक मन में खोट और दिल में पाप है, तब तक बेकार सारे मन्त्र और जाप है !"
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,,,,सच्चे संतो की वाणी से अमृत बरसता है , आवश्यकता है ,,,उसे आचरण में उतारने की ....
सर्वदेवमयी यज्ञेश्वरी गौमाता को नमन
जय गौमाता की 
शरीर परमात्मा का दिया हुआ उपहार है ! चाहो तो इससे " विभूतिया " (अच्छाइयां / पुण्य इत्यादि ) अर्जित करलो चाहे घोरतम " दुर्गति " ( बुराइया / पाप ) इत्यादि !
परोपकारी बनो एवं प्रभु का सानिध्य प्राप्त करो !
प्रभु हर जीव में चेतना रूप में विद्यमान है अतः प्राणियों से प्रेम करो !
शाकाहार अपनाओ , करुणा को चुनो !
choice is yours . 