शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

शिवरात्रि पर्व पर गौसेवा का विशेष संदेश -"वृषभ ( धर्म ) का स्वरुप है।

*जय गोमाता जय गोपाल*

*शिवरात्रि पर्व पर गौसेवा का विशेष संदेश -"वृषभ ( धर्म ) का स्वरुप है। नंदी शिवजी का अभिषेक गोमाता के दुग्ध से करे*

*✍ विश्व मे युगो युगो से आदि अनादि काल से नंदीयो की पुजा की जाती है। नंदी महाराज धैर्य ,शांती ,कर्मठता, त्याग, तपस्या , शक्ति का स्वरुप है। इसलिए शिवजी ने अपना वाहन नंदी महाराज को चुना। शिवजी जहां भी जाते वहा धर्म पर विराजमान होकर जाते है। जब भी हम शिवजी के मंदिर में जाते है, वहां हमें प्रथम शिवलिंग के सामने नंदी महाराज ही विराजमान मिलते है। हमे शिवजी के दर्शन के पहले नंदी महाराज के दर्शन होते है।*

*आज हम शिवजी को तो खुब मानते है पर शिवजी के वाहन नंदी महाराज (धर्म) को भुलते जा रहे है। ये दुख का विषय है। आज हमारे बीच घुम रहे धर्म स्वरुप नंदी महाराज भुख प्यास के कारण पोलीथीन तथा कचरा खाकर अपना दम तोड रहे हैं और हम आस्था रुपी पत्थरों की खुब पुजा करते है पर साक्षात नंदियो को भुलते जा रहे है।*

*मंदिरो मे आस्था रुपी पत्थरो के नंदियो की तो हम खुब पुजा अर्चना करते हैं फल फुल चढाते है पर साक्षात नंदी महाराज को ऐक तृण मात्र घास भी नही जिमाते है! शिवजी कहते हैं  'मेरी कृपा चाहते हो तो पहले धर्म स्वरुप नंदी महाराज को खुश करो उनकी सेवा करो,उनकी सेवा से मैं स्वत: खुश हो जाऊंगा। शिवरात्री पर कीतने ही उपवास रखो, सोमवार करो, 12 ज्योतिर्लींग के दर्शन करो, शिवलिंग को खुब दुध चढाओ, भजन करो, अभिषेक करो पर नंदी महाराज की सेवा नही करोगे तो मैं (शिव) प्रसन्न होने वाला नही हूं!*

क्या-? -भगवान शिवजी हमारी पुजा स्वीकार कर हमे माफ कर पायेगे।

शिवरात्रि के इस मंगल पर्व पर नंदीश्वर भगवान की गोग्रास रूपी सेवा जरूर करे

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