हम आज गाय की सेवा-रक्षा की बात करके अपने आप को बहुत बड़े गो भक्त गो रक्षक बनतें हैं ,,,,
"एक कर्तव्य कर्म को जो हर मानव को करना अत्यंत आवश्यक है" कर्म को कर बहुत बड़ा एहसान कर रहे हों झूठे अहंकार को प्रदर्शित करते हैं,,,,
और कहीं ना कहीं इसी अहंकार के चलते पूज्या गौमाता की यह हालत है नित्य करोड़ों तथाकथित पुत्रों (कुपुत्रों) के होते हुए लाखों की संख्या में नित्य गोवंश का वध हो जाता है,,
जो लोग वाकई में गोसेवा में लगे हुए हैं रक्षा में लगे हुए हैं उनके द्वारा प्रदर्शन एक स्वाभिमान का विषय हो सकता है,,
उनके माध्यम से गोशालाओं में पहुंचे गोवंश की आज जो स्थिति है उसका वर्णन कर पाना मुश्किल है आर्थिक संकट के चलते गोशालाओं की हालत खराब है गोवंश को भरपेट चारे की समस्या आ गई है बहुत सी जगह तो आधा चारा भी नहीं मिल पा रहा,,,,,
लेकिन हमारी पू्ज्या गौ माता स्वयं कष्ट सहकर भी युग-युगांतर से हमारी रक्षा करती आ रही हैं हमारी रक्षा कर रही हैं करेगीं,,,,,,
अब भी संभल जाओ विश्व वासियों पूज्या गोमाता की शरण ग्रहण करो करनी ही पड़ेगी,,
नहीं तो देख रहे हो कंधा देने वाला भी नसीब नहीं हो रहा,,
अभी संभल जाओ, गोबर गोमूत्र आधारित कृषि कर अन्न उपजाओ ,
नित्य सेवन में पंचगव्य ! गोमूत्र ,गोमय ,गोदुग्ध ,गोदही ,गोघृत अपनाओ ,
वेद पुराण "अब विज्ञान" कह रहे निरोगी काया पाओ,,
सब मिल गो शरण में आओ ,,,,
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