गौमाता की रक्षा हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार से 5 महत्वपूर्ण माँगें
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ की संस्कृति, अर्थव्यवस्था एवं आध्यात्मिकता का केंद्र गौमाता रही हैं। हमारे वेदों और पुराणों में गौमाता को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। लेकिन आज गौवंश संकट में है और इसे बचाने के लिए कठोर नीतियाँ बनाने की आवश्यकता है।
गौसेवा केवल व्यक्तिगत प्रयासों से संभव नहीं, इसके लिए सरकार की ठोस नीतियों की भी जरूरत है। अतः, केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों से हम निम्नलिखित पाँच माँगें रखते हैं:
1. गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए एवं गौ मंत्रालय की स्थापना हो
✅ गौमाता सनातन संस्कृति की जननी हैं, इसलिए उन्हें राष्ट्रमाता घोषित किया जाए।
✅ सरकार में एक स्वतंत्र गौ मंत्रालय का गठन हो, जो गौरक्षा, गौसंवर्धन और गौ-आधारित अर्थव्यवस्था पर कार्य करे।
✅ प्रत्येक राज्य में गौरक्षा एवं गौसेवा आयोग बनाया जाए, जो गौशालाओं को सहयोग प्रदान करे।
2. रासायनिक खादों पर प्रतिबंध लगे, गौ-आधारित कृषि को बढ़ावा दिया जाए
✅ रासायनिक खादों के उपयोग से भूमि की उर्वरता नष्ट हो रही है, जिससे पर्यावरण को भी हानि हो रही है।
✅ गोबर खाद और गौमूत्र से बनी जैविक खाद को बढ़ावा दिया जाए।
✅ गोबर गैस से सी.एन.जी. बनाई जाए और उसे रसोई एवं वाहनों में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाए।
✅ सरकार किसानों को गोबर खाद पर सब्सिडी प्रदान करे ताकि वे जैविक खेती को अपनाएँ।
3. 10 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क भारतीय गाय का दूध दिया जाए
✅ बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भारतीय गाय का दूध अत्यंत लाभकारी है।
✅ सरकार द्वारा 10 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को भारतीय गौदूध नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाए।
✅ किसानों को गौ पालन हेतु अनुदान दिया जाए एवं प्रत्येक गाँव में भारतीय नंदी (सांड) की व्यवस्था हो, जिससे शुद्ध गौवंश का संवर्धन किया जा सके।
4. विदेशी जर्सी गायों पर प्रतिबंध लगे, गौचर भूमि को मुक्त किया जाए
✅ जर्सी एवं अन्य विदेशी गायों का दूध मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
✅ वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर विदेशी गायों के दूध की विकृति को सार्वजनिक किया जाए।
✅ गौचर भूमि को गौवंश के लिए संरक्षित किया जाए, ताकि उन्हें चरने के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके।
5. गौ-हत्यारों को मृत्यु दंड दिया जाए
✅ भारत में गौहत्या पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो और जो भी व्यक्ति गौहत्या में संलिप्त पाया जाए, उसे कठोरतम दंड दिया जाए।
✅ गौ-हत्यारों को मृत्यु दंड दिया जाए, ताकि इस पवित्र भूमि पर गौहत्या जैसी अमानवीय घटनाएँ समाप्त हो सकें।
🚨 निष्कर्ष
गौरक्षा केवल धार्मिक भावना नहीं, बल्कि राष्ट्र के स्वाभिमान, संस्कृति और आर्थिक सशक्तिकरण से जुड़ा विषय है। यदि सरकार इन पाँच माँगों को लागू करती है, तो न केवल गौवंश संरक्षित होगा, बल्कि देश की कृषि, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण में भी सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
🙏 आइए, हम सब मिलकर इस आंदोलन को मजबूत करें और सरकार तक अपनी माँगें पहुँचाएँ। 🙏
🚩 जय गौमाता! जय सनातन धर्म! 🚩
आपका सेवक
गोवत्स राधेश्याम रावोरिया