पूर्ण गौरक्षा के आधुनिक उपाय-जो मानस मंथन द्वारा प्रकट हुए.
१. गौरक्षा का सरलतम उपाय:- गौरक्षा लगभग सभी चाहते हैं.
इसके लिए सभी २.५०/- रु प्रतिदिन
७५/- रु प्रतिमाह
९००/- रु प्रतिवर्ष खर्च कर सकते हैं.
गाय को माता मानने वाले अगर इसे अपना ले तो १००% गौरक्षा व्मानव रक्षा हो जाएगी.
इसका प्रचार कर सभी गौभक्त+गौशालाएं स्वावलंबी बन सकती है.
२. गौरक्षा का श्रेष्ठतम उपाय- "शाकाहार क्रांति". सभी मानव स्वस्थ दीर्घजीवी रहना चाहता है.
सभी को सुगंध अच्छी लगती है.
कोई जल्दी मरना नहीं चाहता.
कोई बिमार पड़ना नहीं चाहता.
किसी को दुर्गन्ध अच्छी नहीं लगती.
जैसे-जैसे लोगों को शाकाहार के फायदे मांसाहार के नुकसान का बोध होगा- मानव मात्र शाकाहारी होगा = प्राणी मात्र की रक्षाहो जाएगी.
३. गौरक्षा का सच्चा उपाय: "अहिंसा गौ विज्ञान ग्राम विकास यात्रा "गौवंश की रक्षा गाँव में ही संभव है.
गाँवो तक गौविज्ञान पहुँच जाए, गौउद्योग स्थापित हो जाए, गोपालक, अपना गोधन बेचने के स्थान पर बढाने लगे तो पूर्ण गौरक्षा हो जाएगी.
४. सुनहरा उपाय: "१ रु प्रतिदिन गोघट (गुल्लक) में" १२० करोड़ की आबादी में करोड़ों व्यक्ति ऐसे होंगे जो गौरक्षा हेतु १ रु प्रतिदिननिकाल सकते हैं.
१ रु प्रतिदिन गौशाला/ गौरक्षक संस्था/गौभक्त को देने से,देने वाले की आमदनी + देने की क्षमता दोनों बढ़ जायेगी.
एवं गोवंश की रक्षा भी होती जाएगी.
५. सशक्त उपाय: "बैलों से विद्युत्, चारा कटाई, पम्प, आटा पिसाई, आदि"
बैलों से जुताई- बैल-गाडी तो आज भी होती है.
किन्तु बैलों से विद्युत् हर गाँव में पैदा हो सकती है.
बैलों की मदद से पम्प का काम भी लिया जा सकता है.
चारा कटाई- आटा पिसाई करके भी कमाई की जा सकती है.
बैलों की रक्षा करना सबसे ज्यादा जरुरी भी है.
६. सहज उपाय: "गोव्रती बने".
माता मानते हैं गाय को, पर पीते है हर कैसा दूध.
यही कारण है हमारे बीमार रहने का.
गाय का दूध, दही, घी, अमृत तुल्य है.
देशी गाय का ही दूध, दही, घी, के सेवन का संकल्प लेना = गोव्रती बनना है,स्वस्थ बनना है .
हर गौभक्त को गोव्रती/ स्वस्थ बनना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को गौव्रती बनाने क़ी प्रेरणा देनी चाहिए.
७. सरल उपाय: "मछुआरे गाय पाले"
मछली पकड़ने में लगे लाखों लोग अगर गाय पालने लगेंगे तो उनका जीवन सुधर जायेगा; सुरक्षित हो जायेगा, सुगन्धित हो जायेगा.
साथ ही दूध सबको मिलने लगेगा.
जिन गौभक्तो का मचुअरों से संपर्क है उन्हें इसे करना चाहिए.
८. स्नेहिल उपाय: "देह बेचने वाली- दही बेचने लगे".
देह बेचने वाली माताएं- बहने अगर दूध से दही, दही से घी, छाछ बनाकर; लस्सी, घी, छाछ बेचने लगे तो समाज के साथ-साथ उनका जीवन भी सुधर जायेगा.
९. सात्विक उपाय: "कामधेनु विश्व विद्यापीठ". में एक गाय के गोबर- गोमूत्र से १ साल में १ लाख रु कमाने की कला सिखाई जाती है.
देश के बेरोजगार युवक इस कला को सीख ले तो बेरोजगारी, शहर पलायन समस्या मिट जाएगी.
पूर्ण गौवंश क़ी रखा भी हो जाएगी.
१०. समृद्धि दायक उपाय:
"समग्र ग्राम विकास". गाँव में सामुदायिक गोबर गैस प्लांट लगे.
सभी गोपालक उसमें गोबर डाले- गोबर गैस से हर घर का चूल्हा जले.
स्लरी खाद हर किसान को मिले- तो गाँव + देश दोनों हरा भरा हो जायेगा.
११. शांत उपाय : "अमृत अन्न आगार"
गोबर गोमूत्र से उत्पन्न फल, फूल,सब्जी,अन्न अमृत तुल्य अथवा विष रहित होता है.
कसबे,शहर, महानगर के हर गली मोहल्ले में ऐसी दुकाने खुल सकती है, खुल भी रही हैं.
इससे जनता क़ी सेवा + गौरक्षा दोनों हो रही है.
१२. सर्वोच्च उपाय: "गोरस भण्डार".
गाँव के गोपालक से गाय का दूध ऊँचे भाव में खरीद कर, बाज़ार के भाव से नीचे भाव में बेचकर भी पर्याप्त पैसा कमाया जा सकता है.
इससे गोपालन बढ़ेगा.
शुद्ध दूध की उपलब्धता बढ़ेगी.
सभी गौशालाएं संस्थाएं यह काम कर सकती है.
१३. सच्चा उपाय: "गोबर-गोमूत्र बैंक".
१०-२० गाँवो के बीच १-१ गोबर,गोमूत्र बैंक खुले जो गाँवो के गोपालको से गोबर-गोमूत्र नगदी देकर ख़रीदे एवं उनसे खाद, मंजन, अंगराग, कीट नियंत्रक आदि बना कर प्रचुर लाभ कमा सकती है.
१४. श्रद्धास्पद उपाय:
"गौ/गौचित्र की पूजा" गौमाता या उनके चित्र घर पर रहने से भी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं.
गौ/गौचित्र की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है.
शहरों में हर घर में गोपालन संभव नहीं है.
किन्तु हर घर में गौमाता का चित्र लगना संभव है.
जैसे- जैसे गौमाता के प्रतिभक्तिबढ़ेगी , वैसे-वैसे गौरक्षा-गोपालन स्वतःहोने लगेगा.
१५. सफल उपाय: "सौम्य सत्याग्रह".
हर शहर में २-४-१० दिनों के लिए शहर के बीच मंच बनाकर सर्व-धर्म प्रार्थना का आयोजन हो, जनजागरण हो.
पर्चे बांटे जाए.
मंच पर हवन चलता रहे.
जनता जागेगी तो ही गौरक्षा में हमें सफलता मिलेगी.
१६. सफलतम उपाय: "राष्ट्रीय अहिंसा मंच"- सुशासन स्थापना.
८०% ज्यादा भारतवासी गाय को माता मानते हैं.
गौरक्षा चाहते है.
सहज में संकल्प ले सकते हैं कि "मैं गौरक्षक को वोट दूँगा" इससे गौरक्षक संसद पहुंचेंगे + कलम की नोंक से गौरक्षा + व्यवस्था परिवर्तन दोनों हो जाएगी.
धन्येवाद
जय गौमाता जय गोपाल
ग़ौक्रांति मंच
आप का गोवत्स राधेश्याम रावोरिया
WWW.GOKRANTI.COM
१. गौरक्षा का सरलतम उपाय:- गौरक्षा लगभग सभी चाहते हैं.
इसके लिए सभी २.५०/- रु प्रतिदिन
७५/- रु प्रतिमाह
९००/- रु प्रतिवर्ष खर्च कर सकते हैं.
गाय को माता मानने वाले अगर इसे अपना ले तो १००% गौरक्षा व्मानव रक्षा हो जाएगी.
इसका प्रचार कर सभी गौभक्त+गौशालाएं
२. गौरक्षा का श्रेष्ठतम उपाय- "शाकाहार क्रांति". सभी मानव स्वस्थ दीर्घजीवी रहना चाहता है.
सभी को सुगंध अच्छी लगती है.
कोई जल्दी मरना नहीं चाहता.
कोई बिमार पड़ना नहीं चाहता.
किसी को दुर्गन्ध अच्छी नहीं लगती.
जैसे-जैसे लोगों को शाकाहार के फायदे मांसाहार के नुकसान का बोध होगा- मानव मात्र शाकाहारी होगा = प्राणी मात्र की रक्षाहो जाएगी.
३. गौरक्षा का सच्चा उपाय: "अहिंसा गौ विज्ञान ग्राम विकास यात्रा "गौवंश की रक्षा गाँव में ही संभव है.
गाँवो तक गौविज्ञान पहुँच जाए, गौउद्योग स्थापित हो जाए, गोपालक, अपना गोधन बेचने के स्थान पर बढाने लगे तो पूर्ण गौरक्षा हो जाएगी.
४. सुनहरा उपाय: "१ रु प्रतिदिन गोघट (गुल्लक) में" १२० करोड़ की आबादी में करोड़ों व्यक्ति ऐसे होंगे जो गौरक्षा हेतु १ रु प्रतिदिननिकाल सकते हैं.
१ रु प्रतिदिन गौशाला/ गौरक्षक संस्था/गौभक्त को देने से,देने वाले की आमदनी + देने की क्षमता दोनों बढ़ जायेगी.
एवं गोवंश की रक्षा भी होती जाएगी.
५. सशक्त उपाय: "बैलों से विद्युत्, चारा कटाई, पम्प, आटा पिसाई, आदि"
बैलों से जुताई- बैल-गाडी तो आज भी होती है.
किन्तु बैलों से विद्युत् हर गाँव में पैदा हो सकती है.
बैलों की मदद से पम्प का काम भी लिया जा सकता है.
चारा कटाई- आटा पिसाई करके भी कमाई की जा सकती है.
बैलों की रक्षा करना सबसे ज्यादा जरुरी भी है.
६. सहज उपाय: "गोव्रती बने".
माता मानते हैं गाय को, पर पीते है हर कैसा दूध.
यही कारण है हमारे बीमार रहने का.
गाय का दूध, दही, घी, अमृत तुल्य है.
देशी गाय का ही दूध, दही, घी, के सेवन का संकल्प लेना = गोव्रती बनना है,स्वस्थ बनना है .
हर गौभक्त को गोव्रती/ स्वस्थ बनना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को गौव्रती बनाने क़ी प्रेरणा देनी चाहिए.
७. सरल उपाय: "मछुआरे गाय पाले"
मछली पकड़ने में लगे लाखों लोग अगर गाय पालने लगेंगे तो उनका जीवन सुधर जायेगा; सुरक्षित हो जायेगा, सुगन्धित हो जायेगा.
साथ ही दूध सबको मिलने लगेगा.
जिन गौभक्तो का मचुअरों से संपर्क है उन्हें इसे करना चाहिए.
८. स्नेहिल उपाय: "देह बेचने वाली- दही बेचने लगे".
देह बेचने वाली माताएं- बहने अगर दूध से दही, दही से घी, छाछ बनाकर; लस्सी, घी, छाछ बेचने लगे तो समाज के साथ-साथ उनका जीवन भी सुधर जायेगा.
९. सात्विक उपाय: "कामधेनु विश्व विद्यापीठ". में एक गाय के गोबर- गोमूत्र से १ साल में १ लाख रु कमाने की कला सिखाई जाती है.
देश के बेरोजगार युवक इस कला को सीख ले तो बेरोजगारी, शहर पलायन समस्या मिट जाएगी.
पूर्ण गौवंश क़ी रखा भी हो जाएगी.
१०. समृद्धि दायक उपाय:
"समग्र ग्राम विकास". गाँव में सामुदायिक गोबर गैस प्लांट लगे.
सभी गोपालक उसमें गोबर डाले- गोबर गैस से हर घर का चूल्हा जले.
स्लरी खाद हर किसान को मिले- तो गाँव + देश दोनों हरा भरा हो जायेगा.
११. शांत उपाय : "अमृत अन्न आगार"
गोबर गोमूत्र से उत्पन्न फल, फूल,सब्जी,अन्न अमृत तुल्य अथवा विष रहित होता है.
कसबे,शहर, महानगर के हर गली मोहल्ले में ऐसी दुकाने खुल सकती है, खुल भी रही हैं.
इससे जनता क़ी सेवा + गौरक्षा दोनों हो रही है.
१२. सर्वोच्च उपाय: "गोरस भण्डार".
गाँव के गोपालक से गाय का दूध ऊँचे भाव में खरीद कर, बाज़ार के भाव से नीचे भाव में बेचकर भी पर्याप्त पैसा कमाया जा सकता है.
इससे गोपालन बढ़ेगा.
शुद्ध दूध की उपलब्धता बढ़ेगी.
सभी गौशालाएं संस्थाएं यह काम कर सकती है.
१३. सच्चा उपाय: "गोबर-गोमूत्र बैंक".
१०-२० गाँवो के बीच १-१ गोबर,गोमूत्र बैंक खुले जो गाँवो के गोपालको से गोबर-गोमूत्र नगदी देकर ख़रीदे एवं उनसे खाद, मंजन, अंगराग, कीट नियंत्रक आदि बना कर प्रचुर लाभ कमा सकती है.
१४. श्रद्धास्पद उपाय:
"गौ/गौचित्र की पूजा" गौमाता या उनके चित्र घर पर रहने से भी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं.
गौ/गौचित्र की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है.
शहरों में हर घर में गोपालन संभव नहीं है.
किन्तु हर घर में गौमाता का चित्र लगना संभव है.
जैसे- जैसे गौमाता के प्रतिभक्तिबढ़ेगी
१५. सफल उपाय: "सौम्य सत्याग्रह".
हर शहर में २-४-१० दिनों के लिए शहर के बीच मंच बनाकर सर्व-धर्म प्रार्थना का आयोजन हो, जनजागरण हो.
पर्चे बांटे जाए.
मंच पर हवन चलता रहे.
जनता जागेगी तो ही गौरक्षा में हमें सफलता मिलेगी.
१६. सफलतम उपाय: "राष्ट्रीय अहिंसा मंच"- सुशासन स्थापना.
८०% ज्यादा भारतवासी गाय को माता मानते हैं.
गौरक्षा चाहते है.
सहज में संकल्प ले सकते हैं कि "मैं गौरक्षक को वोट दूँगा" इससे गौरक्षक संसद पहुंचेंगे + कलम की नोंक से गौरक्षा + व्यवस्था परिवर्तन दोनों हो जाएगी.
धन्येवाद
जय गौमाता जय गोपाल
ग़ौक्रांति मंच
आप का गोवत्स राधेश्याम रावोरिया
WWW.GOKRANTI.COM
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