मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018

गाय के सींग

गाय के सींग

पौराणिक तथ्यों के अनुसार गाय के सींग में
ब्रह्मा विष्णु महेश का वास होता है।
हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक
भविष्य पुराण में कहा गया है
- शृंगमूले गवां नित्यं ब्रह्मा विष्णुष्च संस्थितौ ।
श्रंरग्राग्रे सर्व तीर्थानि स्थावराणि चराणि च।।
षिवो मघ्ये महादेवः सर्वकारण कारणम।
ललाटे संस्थिता गौरी नाषावंषे च शणमुखः।।
तात्पर्य है कि गौओं के सींग की जड़ में सदा
ब्रह्मा और विष्णु प्रतिष्ठित हैं।
सींग के अग्र भाग में चराचर समस्त तीर्थ प्रतिष्ठित हैं,
मध्य भाग में ब्रह्मा जी हैं।
गौ के ललाट में गौरी तथा नासिका के अस्ति
भाग मे भगवान कार्तिकेय प्रतिष्ठित हैं।
इसके अलावा गौ माता में तीर्थों का निवास भी माना जाता है।
कहते हैं कि 68 करोड़ तीर्थ एवं 33 करोड़
देवी-देवताओं का चलता-फिरता विग्रह गाय ही है।

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