।।श्री सुरभ्यै नमो नमः।।
*आओ बचे इस कोरोना महामारी से*
गोमाता के लाङलो जागो उठो आगे बढ़ो यह वेदलक्षणा गौमहिमा को पुनर्स्थापित करने का अवसर है विश्व व्यापी महामारी से पिङित व भयभीत मानव जाति को पूज्या गोमाता के वात्सल्य से प्राप्त पंचगवयामृत का विधिवत विनियोग करने पर सम्पुर्ण राहत मिल सकती है अतः इस महारोग से धरती की मानव जाति को बचाने के लिए पंचगवय प्रक्षालन ,पंचगवय पान व पंचगवय स्नान का व्यापक रूप से प्रयोग व प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है ।
आईये हम स्वयं आज से नियमित पंचगवय प्रक्षालन पंचगवय पान व पंचगवय स्नान का संकल्प लेकर महामारी से
मानव जाति को बचाने के महायज्ञ में तन मन धन से आहुति प्रदान करें वेदलक्षणा गोमाता से प्राप्त पंचगवय का विधिवत निर्माण कराके अपने निकटस्थ आश्रमो मन्दिरो मठों एवं सभी धार्मिक स्थलों पर वितरण करने का प्रबंध करे ।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के मतानुसार यह विनाशकारी रोगाणु स्पर्श व श्वास द्वारा एक से दूसरे मानव में पहुंचता है ओर इसका निदान केवल विधिवत बचाव से किया जा सकता है भारतीय धर्म शास्त्रों में सभी प्रकार के स्पर्श जन्य दोषों का निवारण पंचगवय प्रक्षालन ही बताया है तथा आयुर्वेद शास्त्रो में सभी प्रकार के खाद्य अखाद्य जन्य असाध्य रोगों का निदान पंचगवय पान से बताया गया है यह सर्वविदित है कि हमारे पूर्वज हजारों वर्षों से सब प्रकार के धार्मिक संस्कारों में पंचगवय प्रक्षालन, उपासनाओ में पंचगवय स्नान ओर सम्पुर्ण आरोग्य में पंचगवय पान, का प्रयोग करते आए हैं ।
आज धरती की मानव जाति पर आए महा विनाशकारी संकट निवारण हेतु पंचगवय का प्रयोग करने से वेदलक्षणा गौवंश के प्रति उपेक्षा व तिरस्कार के दुर्भावो का समन होगा ओर आधुनिक मानव जाति में सदभाव व सेवा भाव की जाग्रति होगी जिससे धरती पर गौमहिमा पुनर्स्थापित हो जाएगी यह मानव जाति की सेवा का महान कार्य गोप्रेमी पवित्र ह्रदय सन्त , गोऊपासक विद्वान विप्र, गोभक्त धर्मात्मा सज्जन , एवं गोमाता को समर्पित गोवत्स गोवत्सा व गोपुत्र गोपुत्रियो तथा आप हम सभी सजग मानवो द्वारा धार्मिक स्थलों के माध्यम से सम्पादित हो सकता है।
शास्त्रीय विधि से पंचगवय प्रयोग करने पर मानव जाति का महामारी के रोग से बचाव हो जाएगा ओर वेदलक्षणा गोमाता के साथ साथ धर्म शास्त्र व धार्मिक स्थलों की महिमा स्थापित होगी मांसाहार का त्याग करके पंचगवय प्रक्षालन पंचगवय पान करने वाला मानव इस महारोग से निसन्देह बच जाएगा इसमें हमारे धर्म शास्त्र व आयुर्वेद शास्त्र पूर्वजों का जीवन इतिहास तथा गोवृती गोसेवा प्रेमियों का अनुभव ही प्रमाण है।
हे गोमाता के लाङलो भारतीय आस्था की महाशक्ति का साक्षात्कार मानव जाति को कराओ मृत्यु के महाभय से भयभीत असहाय मानव जाति को आदि शक्ति सुरभी गो माता एवं परमपिता परमात्मा की शरण में बुलाओ उनके पंचगवय प्रक्षालन व पंचगवय पान के लिए वेदलक्षणा गोष्ठो आश्रमो देवालयों व धार्मिक संस्थाओं के द्वार खोल दो इसमे धर्म स्थलों के अस्तित्व की सार्थकता ओर सफलता है।