बुधवार, 4 मार्च 2020

गौमाता ओर किसान को मारनें की तैयारी चल रही थी ओर हम आधुनिकता समझ बैठे

🙏💐  गौमाता ओर किसान को मारनें की तैयारी चल रही थी ओर हम आधुनिकता समझ बैठे 💐
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मुगल , पुर्तगाली , फ्रेच , अंग्रेज सब लुट कर चले गये !

इनके बाद इन सब की छोडी मिली जुली नस्लों नें लुटा लेकीन अकल फिर भी नहीं !

भारतियों नें तो बुजुर्गों की बनाई कहावतें भी झुठला दी की 

" अकल बादाम खाने से नहीं , ठोकर खानें से आती है "

खेतों से बैल निकल रहे थे ओर हमने ट्रेक्टर को तकनीक का नाम दे दिया !
 

गौबर हटा कर शुद्धता ओर स्वस्थ से खिलवाड हो रहा था ओर हम युरिया , सुपरफॉस्फेट जैसे भयंकर जहर डाल - कर धरती मां को तिल - 2 मार कर अपनें को मोडर्न समझ वैठे !

ना जाने ऐसी क्या जल्दी थी हमे की कोल्हु हटा कर महगी - 2 विदेशी मशीनें लगाकर समय बचाने में लगे रहे !

चुल्हे से गोबर के उपले कहीं गायब हो रहे थे ओर हम विदेशी ऐल पी जी सिलेंडर पर मुर्खों की तरह वॉव -2 चिल्ला रहे थे !

स्वर्ग समान वो मिट्टी , चुने ओर गौमाता के गोवर से निर्मित घर विलुप्त हो रहे थे ओर हम नदियों से रेता बजरी खोदने ओर सिमेंट , पेंट जैसे जहर की चमक में गुम थे !

गौमाता का अमृत तुल्य दुध , दहीं , लस्सी ओर घी खत्म हुऐ जा रहा था ओर हम जर्सी सुवर के जहर से धन कमानें में व्यस्त थे !

ये सब हो रहा था ओर हम आधुनिकता का गाना गाने में व्यस्त थे आज भी उसी आधुनिकता की धुंन में मस्त हैं ना जानें कब सुधरेंगे हम !

अभी भी समय है भेजे को लुवरिकट करिऐ ओर अपनी संस्कृती की गहरी जानकारी लीजिऐ क्या पता वो सोने की चिढिया बाला भारत अपनें जीते जी देख लें !

अन्यथा याद रखिऐ आलसी ओर कायरों को कभी इतिहास में माफ नहीं किया गया !

गौमाता को भारत की अर्थव्यवस्था से जोडनें में अपना योगदान करिऐ !

जय गौमाता

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