प्रौढ महिलाएं
आप परिवार को सुसंस्कृत, सुदृढ एवम् प्रगतिशील बनाने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। परिवार मे युवाओं को आप मार्गदर्शन करती है। परिवार को समय-समय पर आपके सलाह एवम् उपदेशों की आवश्यकता पड़ती है। अपनी इन्ही सलाहों में एवम् उपेदशों में गोसेवा, गोसंस्कृति को शामिल कर परिवार को और मजबूत बनायें।
१. परिवार के सदस्यों को गाय का धार्मिक, पौराणिक महत्व व भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम व म. गांधी जैसे महापुरुषों की गौभक्ति व गौसेवा से अवगत करवाना चाहिये।
२. गोपाष्टमी, बारस जैसे अनेक गोउत्सवों पर गौपूजन, गौसंवर्धन का विशेष महत्व बताना चाहिये।
३. गौमाता के रक्षार्थ आस-पडोस से धन एकत्रकर चारे की व्यवस्था करनी चाहिये। ४. परिवार के सभी सदस्यों को गोग्रास की आदत डलवानी चाहिये।
५. गौसेवा का महत्व समझाकर बहु-बेटियों, परिवार के पुरुषवर्ग व अन्य संबधियों को किसी गोशाला के सत्कार्यों से जोडने का प्रयास करना चाहिये।
६. पूजा स्थलों, मंदिरों में गाय के महत्व को विशद कर इसी विषय पर कीर्तन, प्रवचन व्याख्यान का आयोजन करने हेतु प्रेरित करना चाहिये।
७. परिवार को गोवंश हत्या से प्रेरित खाद्य पदार्थ सौंदर्य प्रसाधन व • औषधि का बहिष्कार करने हेतु प्रेरित करना चाहिये।
८. परिवार के सभी सदस्यों को गोदुग्धपान का आग्रह करना चाहिये। ९. घर में पंचगव्य उत्पादों के अधिकाधिक उपयोग पर बल देना चाहिये।
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