अधिवक्ता (वकील)
'तर्को प्रतिष्ठा" के माध्यम से अधिवक्ता सत्य के अन्वेषण में अपना महत् योगदान देता है। भारत की सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीय सुदृढता के लिए आवश्यक गौ सेवा, गौ रक्षा व गोसंवर्धन के इस सत्यान्वेषी कार्य को अधिवक्ता गण निम्नलिखित अकाट्य तर्कों को प्रतिष्ठित कर सफल कर सकते है :
१. गो हत्या के प्रकरणों में दोषियों को सजा दिलवाने हेतु अधिवक्तागण एकजुट होकर मुकदमा लडें ।
२. 'कोई भी अधिवक्ता गोवंश हत्यारों का मुकदमा नही लडेगा' ऐसा वातावरण बार काउंसिल में तैयार करे । उल्लेखनीय है कि बलात्कारियों के खिलाफ देश के कई स्थानों की बार काउंसिलें ऐसा निर्णय कर आदर्श प्रस्तुत कर चुकी है।
३. गोवंश माँस निर्यात निरोध सम्बंधी विभिन्न कानूनों से आम जन को परिचित करावें।
४. प्रशासन के किसी विभाग व्दारा या किसी व्यक्ति, संस्था व्दारा गोवंश रक्षण व संवर्धन सम्बंधी कानूनों का उल्लंघन किये जाने पर, तुरंत जनहित याचिका दायर करना चाहिए, पूरी गंभीरता से मुकदमा लड़ना चाहिए ।
५. गोवंश रक्षण व संवर्धन सम्बंधी कानूनों में कमियाँ खोजकर उन्हे अधिक असरकारी बनाने हेतु अधिवक्ता संगठनों के माध्यम से प्रयास करना चाहिए । राष्ट्र एवं राज्यों के गोवंश रक्षा कानून अत्यधिक कठोर, धारदार व कारगर बने इस हेतु प्रयास करें ।
६. गोरक्षा व संवर्धन से जुडे कार्यकर्ताओं से तालमेल कर उन्हे इसके कानूनी पक्ष की सम्पूर्ण जानकारी देवें । इस हेतु प्रशिक्षण शिबिर आयोजित करें ।
७. स्वयं पंचगव्य आधारित पदार्थों, औषधियों का प्रयोग करें व अन्य को इसके लिए प्रेरित करें ।
८. घर में गाय पालकर गो सेवा करें व समाज के अन्य लोगों में इसके लिए रुचि जाग्रत करें ।
९. गोपर्व, गो उत्सवों में सक्रिय भागीदारी करें। समाज में अपनी प्रतिष्ठित स्थिति का उपयोग गो हित में करें ।
१०. गो सेवा हेतु धन संग्रह एवं वस्तु संग्रह में सहयोग करें ।
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