बुधवार, 29 जुलाई 2015

आओ गाय से प्रेम करे... आज की आवश्यकता गोपालन-गोसंरक्षण

आओ गाय से प्रेम करे... आज की आवश्यकता गोपालन-गोसंरक्षण   

धर्म,अर्थ काम और मोक्ष एंव इनसे भी आगे ईश्वरीय प्रेम को प्राप्त करने हेतु गौ सेवा सर्व सुलभ साधन है। गौमाता की महिमा अपार है। इस संसार में गौ एक अदभुत प्राणी है। जो वास्तव में सबके लिये कल्याणकारी है। अपने शास्त्रो के अनुसार गाय में तैतीस कोटि देवताओ का निवास है। केवल गौमाता के सेवा से अपने सम्पूर्ण देवी देवताओ की सेवा सम्पन हो जाती है। इसीलिए गौमाता को सर्वदेवमहि कहा जाता है। गौ के दर्शन से समस्त देवताओ के दर्शन एंव समस्त तीर्थो की यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है तथा गौ-दर्शन,गौ स्पर्श ,गौ पूजन ,गौ स्मरण एंव गोदान करने से मनुष्य सभी पापो से मुक्त हो जाता है। इस प्रकार गौ भारतवासियो की परम आराध्या है। इस लिए भारत सरकार से हमारा निवेदन है कि गौमाता को राष्ट्र माता घोषित करे। प्राचीन काल सभी गौ-सेवापरायण थे,और गाये भी बहुत अधिक थी,जिससे हमारे देश में अन्न -धन  ,सुख शांति एंव समृद्धि थी।  बड़े बुजुर्ग कहते है देश में दूध दही की नदियां बहती थी। 
वर्तमान समय में दुर्भाग्यवश आधुनिक सभ्यता की चक्काचोंद में भारतीय गौवंश की भारी उपेक्षा हो रही है एंव गौ-हत्याये हो रही है और गायों के संख्या भी बहुत कम हो गयी। 
परिणामत:देश में दुःख दारिद्रय का विस्तार हो रहा है,और लोगो में हिंसा,क्रोध लोभ एंव विलासिता बढ़ती जा रही है। 
आज के परिवेश में गौवंश के प्रति-धार्मिक एंव आध्यात्मिक चिंतन के साथ-साथ आर्थिक,सामाजिक तथा विज्ञानिक एंव स्वास्थ्य संबंधी चिंतन की आवश्यकता है। 
गौमाता द्वारा प्रदत पंचगव्य मानवीय स्वास्थ्य के लिये अमृत तुल्य ओषधि है कई प्रकार की असाध्य व्याधियों के समन हेतु पंचगव्य आयुर्वेदिक ओषधियों के प्रयोग भारतीय चिकित्सा शास्त्रो में है। 
संत महात्मा,आचार्यो के श्री मुख से बहुत कुछ सुना था उन्ही में से गौ-गोविन्द की कृपा से लिखने का दुष्साहस किया।भगवान से प्रार्थना है की प्रत्येक भारतीय गौमाता के प्रति अपना दायित्वे समजे और जीवन में उतारे। आशा है आप इसे पढ़कर गौ सेवा के प्रति प्रेरणा प्राप्त करेंगे। आप सेवा में लगकर दुसरो को भी प्रेरित करेंगे। धन्येवाद ,जय गौमाता जय गोपाल ,माँआआआ 
आपका मित्र 
गोवत्स राधेश्याम रावोरिया 
www.gokranti.com 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें