बुधवार, 23 अप्रैल 2014

** ‎गौहत्या‬ रोकने का उपाय नंबर १० ##

** गौहत्या‬ रोकने का उपाय नंबर १० ##
फालतू धार्मिक खर्च -दान (मंदिर )को बंध करके गौमाता के गुणों का प्रचार एवं गौहत्या रोकने के सही तरीको पर काम कर गौमाता का सन्मान और देश समृद्ध बनाना ##
‪#‎हमारे‬ धर्म में लिखा गया है की (धर्म -अर्थ-काम-मोक्ष) यह सब हमारे धर्म के चार स्तम्भ है और यह सब गौमाता में मोजूद है.
‪#‎गौमाता‬ की सेवा से ३३ कोटि देवी-देवता प्रसन रहते है.कोई मंदिर या तीर्थ जाने की जरूर नहीं है.सिर्फ गौसेवा .
‪#‎इस‬ के दूध ,गौमूत्र,गोबर बहुत उपयोगी है.इसका सही इस्तमाल आरोग्य-धन देता है 
# गौसेवा से हमारे वंश की निरंतर वृद्धि होती है.#
# गौसेवा से सात्विक बुद्धि से गौलोक में स्थान मिलता है ##हमारे धर्म में लिखा है की जिस भूमि पर गौमाता का एक बूँद लहू का गिरता है वहां किया हुवा जप,तप ,दान-पुण्य सब व्यर्थ जाता है .पहले इसको बंध करवाओ.फिर दूसरा सोचो.##हमारे धर्म में ५०% दान गौमाता के लिए बाद में दूसरे जीवो के लिए (सही दिशा की गौसेवा से मनुष्य भी सुखी रहेगा सात्विक बुद्धि की वजहसे )करो.
##गौमाता देवी-देवता की भी माता है.समजो जरा.#
हमारा बड़े मंदिरो में दिया दान सरकार लेकर मस्जिद,मदरसा के खर्च करती है .अब तो समजो सोचो.
#‪#‎सार‬-गौमाता को स्वावलम्बी बनने के लिए दान करो.गौहत्या बंध करने में योगदान करके महापुण्य कमाओ.
इस उपयोगी जानकारी को पूरी ताकत से समाज में फैलाये.अगर आप सच्चे हिन्दू की संतान हो.


मित्रो ,
मैँ अक्सर देखता हुँ कि
ज्यादातर हिँदू भाई अपने जीवन मेँ मँदिर बनाने या मँदिरोँ मे दान देने मेँ बहुत धन खर्च करते हैँ ।।
हो सकता है उनके विचार मेँ ये पुण्य कर्म हो ।।
लेकिन मेरे विचार
थोडे अलग हैँ

जिस देश मे भूख से मरने वालोँ की सँख्या लाखोँ मेँ हो ।

जिस देश मेँ एक तरफ गौ को माता कहकर पूजा जाता है और दूसरी तरफ उसी गौ माता को सडकोँ पर आवारा छोड दिया जाता हो,
जहाँ से उन्हेँ कत्लखाने मेँ पहुँचा दिया जाता है ।।

ऐसी सूरत मेँ मँदिर बनाना या मँदिरोँ मे दान देना कहाँ का पुण्य है
ये एक गँभीर सवाल है ।।

मेरा मानना है कि उसी धन से अगर अच्छी सी गौशालाऐँ बनाई जायेँ
तो उससे बडा कोई पुण्य नहीँ है उससे बडा कोई मँदिर नहीँ है
उससे बडा कोई दान नहीँ है ।।

गौशालायेँ बनाने से गौमाता की सेवा के साथ-साथ
दूध से दही मक्खन घी पनीर
गोबर से गोबर गैस साबुन अगरबती और जैविक खाद
गोमूत्र से औषधियाँ बनाकर देश के विकास मे सहयोग किया जा सकता है ।।

बडे स्तर पर काम करने से
कटते हुये गौवँश की रक्षा होगी ।
कृषि उत्पादन विषमुक्त होगा । लाखोँ बेरोजगार लोगोँ को रोजगार मिलेगा ।।
श्री राजीव दिक्षित जी भी ये कहते थे कि गौ माता की सेवा और रक्षा ही
भारत की रक्षा है ।।

आपका क्या विचार है मित्रोँ ? अपने विचारोँ से जरुर अवगत करवायेँ ।।



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