**गौहत्या रोकने का उपाय नंबर ५ **
*पंचगव्य और गौमूत्र से भयंकर रोगो से मुक्ति.*
भगवन श्री कृष्ण ने गीता में कहा है की कौन सा शारीरिक या मानसिक रोग है जो पंचगव्य से नहीं मिटता .अरे इससे तो आदमी के पापो का भी नाश होता है और सात्विक बुद्धि बढ़ती है.भगवान को युही सबसे प्यारी गौमाता नहीं थी.
आप जानते हो की गाय के दूध+ दही + घी+ गौमूत्र + गोबर के सब के अपने अलग गुण होते है.अगर इनसब को मिला कर पंचगव्य बनाया जाये तो कितना शक्तिशाली औषध बनेगा.
इनसे बना पंचगव्य घृत & महापंचगव्य घृत कैंसर,(एड्स )जैसे अनेक बीमारी में उपयोगी है.पंचगव्य के बहुत सारे सेंटर पुरे देश में खुल रहे है.**यह भविष्य की चिकित्सा पद्धति होगी.क्यों की विलायती एलोपैथी के
एंटीबायोटिक & स्टेरॉयड्स के बहुत साइड इफ़ेक्ट है.और यह रोगो के कारन को जानकर उसको मिटाने की जगह रोगो को दबाने का काम करती है.
**अपने आयुर्वेद में गौमाता को चलता फिरता औषधालय कहा गया है.**
चारागाह का चारा खाने वाली गौमाता का सिर्फ धारोष्ण( दोहने के बाद तुरंत का )दूध पर रहने वालो का ३० से १८० दिनों में कायाकल्प हो जाता है.
# # गौजरन (सुबह का पहला गौमूत्र) सुबह खाली पेट पिने से भयंकर बीमारी मिटती है.जो नहीं पि सकते उनके लिए गौमूत्र से बना पाउडर भी अभी उपलब्ध है.उनका फायदा उठाये. बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधि में गौमूत्र मिलाने से उसका गुण अनेक गुना बढ़ जाता है.##
## सार-पंचगव्य दैवी चिकित्सा है.यह भविष्य की चिकित्सा पद्धति होगी.research के रिजल्ट बाद दुनिया सलाम करेगी.##
गौमाता की सभी पोस्ट को पूरी ताकत से शेयर करे अगर आप सच्चे हिन्दू की संतान है.
*पंचगव्य और गौमूत्र से भयंकर रोगो से मुक्ति.*
भगवन श्री कृष्ण ने गीता में कहा है की कौन सा शारीरिक या मानसिक रोग है जो पंचगव्य से नहीं मिटता .अरे इससे तो आदमी के पापो का भी नाश होता है और सात्विक बुद्धि बढ़ती है.भगवान को युही सबसे प्यारी गौमाता नहीं थी.
आप जानते हो की गाय के दूध+ दही + घी+ गौमूत्र + गोबर के सब के अपने अलग गुण होते है.अगर इनसब को मिला कर पंचगव्य बनाया जाये तो कितना शक्तिशाली औषध बनेगा.
इनसे बना पंचगव्य घृत & महापंचगव्य घृत कैंसर,(एड्स )जैसे अनेक बीमारी में उपयोगी है.पंचगव्य के बहुत सारे सेंटर पुरे देश में खुल रहे है.**यह भविष्य की चिकित्सा पद्धति होगी.क्यों की विलायती एलोपैथी के
एंटीबायोटिक & स्टेरॉयड्स के बहुत साइड इफ़ेक्ट है.और यह रोगो के कारन को जानकर उसको मिटाने की जगह रोगो को दबाने का काम करती है.
**अपने आयुर्वेद में गौमाता को चलता फिरता औषधालय कहा गया है.**
चारागाह का चारा खाने वाली गौमाता का सिर्फ धारोष्ण( दोहने के बाद तुरंत का )दूध पर रहने वालो का ३० से १८० दिनों में कायाकल्प हो जाता है.
# # गौजरन (सुबह का पहला गौमूत्र) सुबह खाली पेट पिने से भयंकर बीमारी मिटती है.जो नहीं पि सकते उनके लिए गौमूत्र से बना पाउडर भी अभी उपलब्ध है.उनका फायदा उठाये. बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधि में गौमूत्र मिलाने से उसका गुण अनेक गुना बढ़ जाता है.##
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