श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अलौकिक पर पर्व हम सभी संकल्पित हो कि उनकी प्यारी दुलारी पूज्या गोमाता की रक्षा एवं सेवा में अपना सर्वस्व अर्पण करने को अपना परम सौभाग्य माने। यही उनके जन्म की सच्ची शुभकामना है।
एक बार श्री कृष्ण से पूछा गया कि आपकी अन्तिम इच्छा क्या है? तब कनैया ने कहा कि "गाय मेरे आगे हो, गाय मेरे पीछे हो, गाय मेरे अगल हो,गाय मेरे बगल हो, गोमाता मेरे हृदय में हो और मैं गोमाता के मध्य निवास करुं। जब कनैया भी यह कामना करता है तो फिर हम उनकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिये उनकी भी पूज्या गोमाता की सेवा क्यों नहीं कर पाते है? अगर प्रत्येक भारतवासी प्रत्यक्ष गोसेवा एवं गव्यों का सेवन करने लग जाये एक भी गोवंश निराश्रित घूमता हुआ नहीं मिलेगा उनकी आदर पूर्वक सेवा होगी तब ही श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाना सार्थक है नहीं तो अपने स्वयं के साथ भंयकर धोखा ही है।
शनिवार, 5 सितंबर 2015
श्री कृष्ण जन्मास्टमी की हार्दिक शुभ कामनाये
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kishan
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