मंगलवार, 22 सितंबर 2015

घरों में निकली गाय -बैलों के गले की रस्सी ही आज प्रत्येक किसान की ख़ुदकुशी का सबसे बड़ा कारण ||

ये कहने की बात नही,ये तो जानने और समझने की बात है,
भारत की आजादी से पहले और बाद तक की ये बात है;
भारत एक ऐसा देश रहा यहाँ भारत का प्रत्येक इंसान धनी था!
इसको देख कर और देशों को आश्चर्य रहता था की ऐसा क्या है की यहाँ के लोग इतने धनी होते;धनी होने का मुख्य कारण था हमारे गाय-बैल;
जिनसे उत्तम खाद,पौष्टिक दूध ,दही,लस्सी,माखन जैसे पदार्थों का सेवन प्रत्येक वर्ग के लोगों के घरों में पाया जाता था!
ऐसे में बहुत से अंग्रेज,ब्रिटिश लोगों ने भारत देश को अपने कब्जे में करना चाहा!!
परंतु यहाँ इस देश की पावन मीट्टी में ऐसे सूरवीर योद्धा पैदा हुये जिनसे भारी हार का सामना उन लोगों को करना पड़ा!
इसीसे उनका ध्यान पड़ा भारती गाय,बैलों पर;
इसीसे से उन् लोगों ने धर्म के नाम से हम भारतीय हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई को आपस पे दुश्मन बना दिया|
भारत आजाद तो हुआ ,परन्तु हमारे धर्मों के नाम से झगड़े आज तक समाप्त नही हुए;
और उनसे मिले कुछ सरकारी टुकड़ों पर पल रहे देश के गद्दार जो आज भी हम सभी को आपस में बटवारा करने पर तुले;
आज प्रत्येक घर में दूध,दही,माखन की जगह शराब बीड़ी तम्बाकू ऐसे कोई और तरह के नशे सेवन किय जा रहे||
खेती को बन्ज़िर बनाया जा रहा नशीली रासायनिक दवाइयों के द्वारा|
1.आधुनिक की चकचौंक में इंसान सबकुछ भूल चूका!
देसी हाल्ट-ट्यूबिल्ल के द्वारा बैलों के ज़रिये कम खर्च से ज्यादा पानी का प्राप्त करना|
इसके उल्टा आज बिजली की सहायता से कम पानी और खर्च ज्यादा|

2,खर्च के बिन फसलों में गोबर खाद का उपयोग होना
इसके उल्टा आज महंगी दाम में यूरिया मोनोसेल ज़हरीले रसायन खाद दवाइयों का उपयोग में लाना!

3.कभी खेती बैलों के द्वारा की जाती थी कम खर्च में
इसके उल्टा आज ट्रैक्टर ट्रॉली महंगे भाव के डीजल पैट्रोल पर चलने वाले!

4.कभी ढोया-धवाइ में बैलों क8 मदद ली जाती थी
और आज ये काम सभी महंगे भाव से चल रहे !

इन्हीं कारण आज भारत वर्ष की कई एकड़ जमीन बन्ज़िर हो चुकी/
और हमने ने इस आधुनिक दुनियां को अपनाने के कारण गौ-बैलों को रस्से खोल,घरों से बाहर कर दिया,
परिणाम सामने है
ज़हरीली सब्जियों,फलों के सेवन से केन्सर जैसी ला इलाज बिमारी प्रत्येक घर पर वार कर रही|
आधुनिक मशीनरी कारण ही रोजाना नजाने कितने हादसे होते!!
घरों में निकली गाय -बैलों के गले की रस्सी ही आज प्रत्येक किसान की ख़ुदकुशी का सबसे बड़ा कारण ||

जागो किसान जागो

वन्दे गौ मातरम्

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें