एक ताजा रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि गाय के दूध में एक ऐसा पेप्टाइड होता है जो मनुष्य के पेट के कैंसर सेल को मारने में सक्षम है।
ताइवान में किए गए इस शोध में वैज्ञानिकों ने गाय के दूध से पेप्टाइड फ्रैगमेन्ट ढूंढ निकाला है जिसका नाम लैक्टोफैरीसिन बी२५(एलएफ सिन बी२५) है। खोज में पता चला है कि इस पेप्टाइड में मानव शरीर होने वाले पेट के कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है।
राष्ट्रीय इलान विश्वविद्यालय ताइवान के बायोटेक्नोलॉजी एंड एनिमल साइंस विभाग के वाई-जंग-चेन ने बताया कि भविष्य में इस खोज को गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज में प्रयोग में लाया जा सकता है। विश्व में खासतौर से एशियाई देशों में, कैंसर से मरने वालों में सबसे अधिक मृत्यु-दर गैस्ट्रिक कैंसर से मरने वालों की है।
वाह रे कृष्ण कन्हैया कितनी गुणी है हमारी ये गौ मैया...
जय हो कृष्ण कन्हैया ..जय हो गौ मैया ...
ताइवान में किए गए इस शोध में वैज्ञानिकों ने गाय के दूध से पेप्टाइड फ्रैगमेन्ट ढूंढ निकाला है जिसका नाम लैक्टोफैरीसिन बी२५(एलएफ सिन बी२५) है। खोज में पता चला है कि इस पेप्टाइड में मानव शरीर होने वाले पेट के कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है।
राष्ट्रीय इलान विश्वविद्यालय ताइवान के बायोटेक्नोलॉजी एंड एनिमल साइंस विभाग के वाई-जंग-चेन ने बताया कि भविष्य में इस खोज को गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज में प्रयोग में लाया जा सकता है। विश्व में खासतौर से एशियाई देशों में, कैंसर से मरने वालों में सबसे अधिक मृत्यु-दर गैस्ट्रिक कैंसर से मरने वालों की है।
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