शनिवार, 22 नवंबर 2014

क्या कहता है विज्ञान

1.जर्सी नस्ल की गाय का दूध पीने से 30 प्रतिशत कैंेसर बढने की संभावना हैं- नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट आॅफ अमेरिका
2.गाय अपने सींग के माध्यम से काॅस्मिक पाॅवर ग्रहण करती हैं- रूडल स्टेनर,जर्मन वैज्ञाानिक
3.गोबर की खाद की जगह रासायनिक खाद का उपयोग करने के कारण महिलाओं का दूध दिन प्रतिदिन विषैला होता जा रहा हैं- डाॅ. विजयलक्ष्मी सेन्टर फाॅर इण्डियन नोलिज सिस्टम
4.गौमूत्र के उपयोग से हदय रोग दूर होता है तथा पेशाब खुलकर होता है कुछ दिन तक गौमूत्र सेवन से धमनियों में रक्त का दबाव स्वाभाविक होने लगता हैं, गौमूत्र सेवन से भूख बढती है, यह पुराने चर्म रोग की उत्तम औषधि है- डाॅ. काफोड हैमिल्टन, ब्रिटेन
5.गौमूत्र रक्त में बहने वाले दूषित कीटाणुओं का नाश करता है- डाॅ.सिमर्स, ब्रिटेन
6.विश्व में केवल गौमाता ही ऐसा दिव्य प्राणी है जो अपनी निश्वास में आॅक्सीजन छोडती हैं- कृषि वैज्ञानिक डाॅ. जूलिशस एवं डाॅ. बुक जर्मन
7.शहरों से निकलने वाले कचरे पर गोबर के घोले को डालने से दुर्घन्ध पैदा नहीं होती है व कचरा खाद के रूप में परिवर्तित हो जाता हैं- डाॅ.कान्ति सेन सर्राफ मुम्बई
8.गौ दूध में विद्यमान सेरिब्रासाइय मस्तिक और स्मरण शक्ति के विकास में सहायक होती हैं साथ ही एम.डी.जी.आई. प्रोटीन के कारण रक्तर्कोँणकाओं में कैंसर प्रवेश नहीं कर सकता हैं- प्रो. रानाल्ड गौ रायटे कारनेल विश्व विद्यालय
9.समस्त दुधारू प्राणियों में गाय ही एक ऐसा प्राणी हे जिसकी बडी आंत 180 फीट लम्बी होती है इसकी विशेषता यह है कि जो चारा ग्रहण करती है उससे दुग्ध में केरोटीन नामक पदार्थ बनता है यह मानव शरीर में पॅंहूचकर विटामीन ए तैयार करता है तो नेत्र त्योति के लिए आवश्यक है।
10.गौमाता के गोबर में हैजे के कीटाणुओं को समाप्त करने की अद्भूत क्षमता होती है- प्रसिद्ध डाॅ. किंग मद्रास
11.जिन घरों में गौमाता के गोबर से लिपाई-पुताई होती है वह घर रेडियों विकिरण से सुरक्षित रहते है- प्रसिद्ध वैज्ञानिक शिरोवीच, रूस

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