गोमाताके देखभाल की सही पद्धति: १
प्राचीन समय से ही गोपालन करते हुए मनुष्योके उपर गोमाताके निवास की जिमेदारी रही है, जब मनुष्यने यह कार्य का स्वीकार किया है तो इस विषय पर गंभीर सोच की आवश्यकता है, जैसे हम देखते है की ज्यादातर गोशाला और मकानमें गोमाता को बाँधनेकी व्यवस्था होती है, अवलोकन करते हुए यह बात ध्यान में आयी है की गोमाता दिन के ज्यादा तर हिस्से में बंधे हुए रहते है, कई बार तो गोमाता को बंधी हुयी रस्सी भी बहोत छोटी होती है, ऐसा नहीं होना चाहिए! हमारे विचार के अनुसार गोमाता को कदापि बांध कर नहीं रखना चाहिए |
गोमाता को कितना भी अच्छा भोजन क्यों ना दिया जाये पर हम उन्हें बाँध कर रखते है तो मानसिकता पर असर होगी ही | संक्षेप में गोमाताकी अनुभूतिको बराबर समज कर व्यव्हार करे तो बांधे बिना भी परिस्थिति को संभाला जा सकता है |
हमारी राय के अनुसार, आपकी आर्थिक व्यवस्थाका ख्याल रख कर छोटासा, गोमाताके लिए गो भोजन स्थान बनादे, वो आप नीलगिरि, बंबू, और लोह की पाइप से बना सकते है, और गोमाता आसानी से चारों ओर घूम फिर सके उतने विस्तार में होना चाहिए, गो भोजन वाले विस्तार को हम पक्का कर सकते है, लेकिन बचा हुवा विस्तार मिट्टीका ही रहने दीजिये क्योकि गोमाता मिट्टी मे बैठना ज्यादा पसंद करते है । ऐसा करने से गोमाता के पॉंव के जोड़ों, रुधिराभिसरण की प्रक्रिया एवं आँचल की लंबी अवधि की सुरक्षा केवल मिट्टी में है |
-वन्दे मातरम, जय गोमाता
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें