गोमाता का सांस्कृतिक महत्व - ५ :
हर एक मनुष्य को गोमाता की सेवा अपने संतान की तरह सबंध रख कर सेवा करनी चाहिए | गोमाता के सेवक को गोशाला में ही रहना चाहिए, गोमाता के लिए तभी बढ़ेगा जब गोपालक गोमाता के साथ रहे और उनकी रोज बरोज देखभाल करे, ऐसा करने से गोमाता की वृद्धि जल्द से बढ़ेगी, उसके पीछे हमारी संवेदना और वैज्ञानिक कारण भी जिम्मेदार है - अथर्वेद ३,१४,५-६
गोमाता के सुन्दर नाम रखने चाहिए, उनसे गोमाता आपके अधिक नजदीक आयेंगे और अपने साथ गोमाता का आंतरिक जोड़ बढ़ जाता है, और गोमाता प्रेम और सेवा से प्रसन्न हो कर सात्विक एवं मधुर दुग्धकी मात्रा बढ़ेगी - अथर्वेद २,२६,४
सविता भगवान यानि संतृप्तिना देव, जो गोमाता मे लगातार बह रहा है, हमारी चेतना और संवेदना के साथ जुड़े हुए है, ऐसी चेतना के साथ गोमाता का दोहन किया जाये तो उसका फल हमें जरूर मिलता है - अथर्ववेद
गोमाता के सुन्दर नाम रखने चाहिए, उनसे गोमाता आपके अधिक नजदीक आयेंगे और अपने साथ गोमाता का आंतरिक जोड़ बढ़ जाता है, और गोमाता प्रेम और सेवा से प्रसन्न हो कर सात्विक एवं मधुर दुग्धकी मात्रा बढ़ेगी - अथर्वेद २,२६,४
सविता भगवान यानि संतृप्तिना देव, जो गोमाता मे लगातार बह रहा है, हमारी चेतना और संवेदना के साथ जुड़े हुए है, ऐसी चेतना के साथ गोमाता का दोहन किया जाये तो उसका फल हमें जरूर मिलता है - अथर्ववेद
- वन्दे मातरम, जय गोमाता
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