~~ गौ माता से मोक्ष की सिद्धि ~~
परमात्माकी सृष्टीमें गौमाता एक अद्भुत जीव हैं | कालके प्रभावसे संसारकी प्रायः सभी वस्तुओंका अलौकिक प्रभाव लुप्त सा हो गया हैं, किंतु गौमाता का दीव्य #प्रभाव आज भी वैसा ही हैं |
गौ-सेवा से
#धर्म_अर्थ_काम_और_मोक्ष सभी पुरुषार्थ सिद्ध होते हैं | शास्त्र तो ईसका समर्थन करते ही हैं, अनुभवसे भी ईस बातकी सत्यता प्रमाणित हो चुकी है | शास्त्रोंमें कल्पवृक्ष, चिंतामणि तथा कामधेनु - ईन तीनोंको अखिल कामनाओंका दाता मान गया है |
ईनमें भी कामधेनुका महत्व सबसे अधुक हैं | कल्पवृक्ष कोई एक ही वृक्ष हैं, सभी वृक्ष कल्पवृक्ष नही होते और धरती पर तो बिल्कुल नही , और ना ही सब प्रकारकी मणियोंमें ही चिंतामणिका गुण आ सकता हैं |
परंतु #गौएँ सभी #कामधेनु हैं | कामधेनुकी #संताने भी कामधेनु ही हैं |
किसी भी गौकी भक्तिपूर्वक और प्रेम पूर्वक सेवा की जाय, तो वह अपने भक्तकी समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं | राजा दिलीपने नंदिनीकी सेवासे ही अभीष्ट मनोरथ प्राप्त किया था | आज भी कितने ही सदगृहस्थ गौ-सेवासे सब तरहका लाभ ऊठा चुके हैं और ऊठा रहे हैं |
कल्पवृक्ष और चिंतामणि यद्यपि कामनापूरक माने गये हैं, तथापि वे मोक्ष या भगवत्प्राप्ति नही करा सकते | ऊनसे केवल लौकिक कामनाओंकी पूर्ति हो सकती हैं |
ईतनेपर भी वे सुलभ नही हैं| किंतु गौमाता तो घर-घर सुलभ हैं | ईनसे केवल लौकिक कामनाकी ही नहीं वरन् समस्त #पुरुषार्थ_मोक्ष_एवं_भगवान्_तककी प्राप्ति होती हैं |
ईसिलिए भगवान् ने गीतामें अपनी दिव्य विभूतियोंमें परिगणित किया हैं-
"धेनूनामस्मि कामधुक्" दूध देनेवाले समस्त जीवो मे मैं कामधेनु हूँ |
Jai gau maa
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