गाँव गाँव में गौ रक्षा दल बनायें
अगर हर शहर में 1 गौ रक्षा दल हो तो किसी की क्या मजाल जो गौ माता की तस्करी की तो छोड़ो छु भी न सकेगा ।किसी भी छोटे से शहर में जाकर देखे राजनैतिक पार्टियों के दल तो मिलेंगे लेकिन गौ रक्षा दल ढूढ़ने से भी नहीं मिलेगा ।
आज आप किसी भी महा विद्यालय में चले जाईये।अगर किसी लडके से कुछ कहासुनी हो जाये तो वो तुरन्त जेब से अपना फोन निकालकर. Call करेगा थोडी देर में पाँच दस लडके बाइक्स लेकर तुरन्त वहाँ पहुच जाते है।अगर वो सब लडके चाहें तो एक गौ रक्षा दल आसानी से बना सकते है ।
कहीं से भी गौमाता को प्रताडित करने की कोई सूचना आये ।तुरन्त वहाँ पहुँच कर उन दुष्टों की वो धुलाई करें । की वो जीवन भर गौमाता की तरफ आँख उठा कर भी ना देख सकें। लेकिन हम ऐसा नहीं करते क्यों कि हम हिन्दु है । हम आस लगाकर बैठे रहते है कि.भगवान आयेगे ऐसा करने के लिये।अगर किसी औटो ड्राइवर से झगडा करना हो। या किसी चाय की दुकान वाले को भगाना हो या फिर किसी बस कंडक्टरको पीटना हो तो कभी भी अपने दोस्तो को फोन करदो पलक झपकते ही हाजिर हो जायेगे।
ये बात आजकल तो स्कूलों में भी होने लगी है। रोज बस में या किसी अन्य स्थान पर ये घटनायें आपको दिखाई दे जायेगी। इसी तरह गौ रक्षा दल का निर्माण आसानी से किया जा सकता है।कुछ मित्र मिलकर इसे आसानी से शुरू कर सकते है । हम लोग कोलेजों में तो झगडा करने पहुच जाते है ।
लेकिन अपनी गौमाता के लिए क्यों नहीं ....?? आज के युवाओ के लिए आगे शेयर करे ।।
आपका गोवत्स राधेश्याम रावोरिया
अगर हर शहर में 1 गौ रक्षा दल हो तो किसी की क्या मजाल जो गौ माता की तस्करी की तो छोड़ो छु भी न सकेगा ।किसी भी छोटे से शहर में जाकर देखे राजनैतिक पार्टियों के दल तो मिलेंगे लेकिन गौ रक्षा दल ढूढ़ने से भी नहीं मिलेगा ।
आज आप किसी भी महा विद्यालय में चले जाईये।अगर किसी लडके से कुछ कहासुनी हो जाये तो वो तुरन्त जेब से अपना फोन निकालकर. Call करेगा थोडी देर में पाँच दस लडके बाइक्स लेकर तुरन्त वहाँ पहुच जाते है।अगर वो सब लडके चाहें तो एक गौ रक्षा दल आसानी से बना सकते है ।
कहीं से भी गौमाता को प्रताडित करने की कोई सूचना आये ।तुरन्त वहाँ पहुँच कर उन दुष्टों की वो धुलाई करें । की वो जीवन भर गौमाता की तरफ आँख उठा कर भी ना देख सकें। लेकिन हम ऐसा नहीं करते क्यों कि हम हिन्दु है । हम आस लगाकर बैठे रहते है कि.भगवान आयेगे ऐसा करने के लिये।अगर किसी औटो ड्राइवर से झगडा करना हो। या किसी चाय की दुकान वाले को भगाना हो या फिर किसी बस कंडक्टरको पीटना हो तो कभी भी अपने दोस्तो को फोन करदो पलक झपकते ही हाजिर हो जायेगे।
ये बात आजकल तो स्कूलों में भी होने लगी है। रोज बस में या किसी अन्य स्थान पर ये घटनायें आपको दिखाई दे जायेगी। इसी तरह गौ रक्षा दल का निर्माण आसानी से किया जा सकता है।कुछ मित्र मिलकर इसे आसानी से शुरू कर सकते है । हम लोग कोलेजों में तो झगडा करने पहुच जाते है ।
लेकिन अपनी गौमाता के लिए क्यों नहीं ....?? आज के युवाओ के लिए आगे शेयर करे ।।
आपका गोवत्स राधेश्याम रावोरिया
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