गुरुवार, 27 मार्च 2014

किसानो की भूल गौमाता को बेचना परिणाम गौहत्या

क्या बिना किसी कारण ही ओले किसानों की फसलों को यूँ ही मुफ्त में बर्बाद कर रहे हैं? यदि ऐसा हो रहा है तो वे भगवान पर आरोप लगाकर प्रकृति को चुनौती दे सकते हैं।

बिना किसी वजह के कुछ नहीं होता है। हर चीज के पीछे एक कारण होता है, एक मकसद होता है। चाहे हम समझ पाएँ या नहीं समझे।

क्या जानकर या फिर अंजाने में किसानों से भी कोई गलती हो सकती हैं ? प्राचीनकाल में किसान सबसे सुखी और खुशहाल हुआ करता था। लोग खेती को सबसे उत्तम व्यवसाय मानते थे।
परंतु आधुनिक समय में लोग खेती करने वाले को पीछड़ा हुआ इंसान समझते हैं। यहाँ तक की सरकारें भी किसानों का शोषण करती हैं, आखिर क्यों? 
ऐसे ही हजारों प्रश्न लोगों के मन में उठते हैं, परंतु इन सबकी सही वजह केवल कुछ ही लोग जानते हैं।


किसान ने सिर्फ एक ही गलती की है, बस उस एक ही गलती ने किसान के लिए नरक के द्वार खोल दिए हैं।
ओर किसान की वो भूल है, "गौ माता को बेचना।"
जी हाँ ! आप सही सोच रहे हैं। कसाई भेष बदलकर व्यापारी बन गए हैं। वे भोले-भाले किसानों के घर आते हैं तथा उनसे किसान की माँ , गौ माता को खरीद लेते हैं। किसान हर साल में एक या दो गाये बेचकर बहुत खुश होता हैं क्योंकि वह कम मेहनत में ज्यादा दाम कमा लेता हैं। 
अब वह व्यापारी उर्फ कसाई या तो कुछ दिनों तक दूध निकालकर किसी कसाई को बैच देता है, या फिर अपनी दलाली लेकर दूसरे कसाई को बेच देता हैं। फिर वह गाय कटने के लिए कत्ल खानों (#‎slaughterhouse
) में भेज दी जाती है।
इसका पाप सिर्फ और सिर्फ उस लालची किसान को लगता हैं। जैसा की आप समझ गए होंगे की यही कायदा बनता हैं।
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अब करें क्या?
जब भी कोई व्यापारी गाय को खरीदने आएँ तो उससे कुछ प्रश्न पूछे।
1. कहाँ से आएँ हो? क्या काम करते हो? और आपके अड़ोसी-पड़ोसी क्या काम करते हैं?
2. अभी ओर कितनी गाय व भैंस हैं? आप इससे पहले भी कोई गाय या भैंस रखते थे क्या?
3. तो पहले वाली गाय कहाँ हैं? क्या आपने उसको बेच दिया? आपको पता है कि आपने जिसको वो गाय बेची थी, उसने उस गाय का क्या किया होगा ?
4. उससे पहले वाली गाय कहाँ हैं? उसको अंतिम बार कब और कहाँ देखा था?
इन सब सवालों के जवाब, जब वह व्यापारी उर्फ कसाई देगा तो आप तुरंत समझ जाओगे कि वह कातिल है।
अब उस कातिल की कैसी हजामत बनाते हो, यह आपका पुण्य कर्म है।
यदि आप ये सारी बातें समझ गए हो तो आप व्यापारी बनकर लोगों के घर जाकर उनको जागरूक करें।
जिस दिन किसान गायों को बेचना बंद कर देंगे, उसी दिन से गौ हत्या होना बंद हो जाएगी तथा ओले पड़ना भी बंद हो जाएँगे। यह हमेशा याद रखे कि गौ हत्यारे आजकल घर-घर पाएँ जाते हैं , वे जाने -अंजाने में गौ हत्या के दोषी हैं।
कुछ समझदार छछूँदर यह सोच रहे होंगे कि हम तो गाय या बैल को गौशाला में छोड़ आते हैं। अरे जनाब वहाँ पर भी तो गौ -हत्यारे पहुँच सकते हैं ना। एक गाय 20-30 साल तक जीवित रह सकती है इसलिए पहले तो यह पता करके आओ कि वहाँ पर तुम्हारे कितने बैल और गाये मौजूद हैं। यदि एक भी कम मिले तो आज से ही प्रायश्चिय करना शुरू कर दो क्योंकि आप भी गौ हत्यारे बन चुके हो।

अतः इस लेख को अधिक से अधिक Share करें और गौ सेवा का पुण्य पाएँ।

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