आप
सभी गौ भक्तो से एक विनती है की आप कुछ न कुछ गौमाता (गव्ये) का प्रयोग अवश्ये करे
और दूसरो को भी प्रेरणा दे। अगर
आप गौमाता का दुग्ध पान करते है तो ये भी एक गौसेवा है क्योंकि इससे गौ पालन को
बढावा मिलता है,
कुछ जगहों पर गौ का दूध नहीं मिल पता
जैसे की delhi,
और भी बड़े-२ शहर क्योंकि कुछ राज्यों
मे हमारी भ्रष्ट सरकार ने पशु पालन पर प्रतिबन्ध लगा रखा है, तो फिर आप गौमाता का घी खरीद सकते है,आजकल गौ का घी मिलना तो अब लगभग हर जगह
संभव हो गया है,
लेकिन हमारे कुछ मित्रो का कहना है की
गौ का घी बहुत महंगा पड़ता है हम खरीदने में स्मर्थ्ये नहीं है
. तो फिर भी आप सभी गौ मूत्र का सेवन तो
कर ही सकते है,
ये तो आपको किसी भी गौशाला में बहुत
आसानी से मिल सकता है,और
आजकल तो बहुत से गौ गवयो भण्डार पर भी मिल जाता है। और आप सभी तो गौ मूत्र के लाभ
से भली-भाति परिचित है।अगर आप गौ मूत्र का सेवन भी नहीं कर सकते तो, आप किसी गौशाला से माँ का गोबर उठाकर
उसके कंडे बनाकर अपने घर में जला तो सकते हो ये तो भैया बहुत सरल है, फिर उस जली हुई गोबर की राख से आप अपने
दात भी साफ़ कर सकते है, अपने
घर के बर्तन भी साफ़ कर सकते है, और
आप गोबर के कंडे से स्नान भी कर सकते है, उसका पाउडर बनाकर उससे हाथ भी धो सकते है भैया केवल गौ माता के गोबर
से आप अपने घर के महीने का कम से कम ५०० - १००० रूपए की बचत कर सकते है, और ढेरो बीमारिया भी दूर होती है, ये मै कोई अपने मनघटित बाते नहीं बना
रहा हु ये मैंने अपने प्रयोग मै लाया फिर आपको बता रहा हु। मित्रो, कहने का सीधा -२ तात्पर्य ये है की गौ
सेवा बहुत सरल है, गौ
सेवा हर कोई कर सकता है परन्तु उसके लिए जैसा मैंने आपको कल बताया था की पहले लोगो
को गौ महिमा बतानी पड़ेगी, और
जब उन्हें गौ की महिमा का पता लगेगा तो उनकी गौ के प्रति श्रधा जागृत होगी और जब
श्रधा जागृत हो जाएगी तो गौ सेवा और गौ रक्षा स्वत: हो जाएगी।
परन्तु
प्रशन तो ये है मित्रो- क्या जो लोग गौ को अपनी माँ मानते है और जिनको उनकी महिमा
का ज्ञान है क्या आज वो लोग गौ की सेवा कर रहे है, गौ गवयो को अपनी जिंदगी में प्रयोग में
ला रहे है, भैया जब तक अपने को गौ भक्त,गौ सेवक,गौ रक्षक कहने वाला,या मानने वाला ही नहीं करेगा तो हम औरो
से किस बात की आशा रख रहे है??? भैया
थोडा सोचना, विचारना और फिर अपने जीवन में सात्विक
संकल्प लेना। ये मेरा नहीं गौ माता का आप सभी के लिए सन्देश है।
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