राजनीति
एवं धर्म शास्त्र के सम्यक ज्ञाता पुष्कर जी बोले .. हे भृगु नंदन परशुराम जी !
गायों को भोजन ग्रास देने से महान पुण्य की प्राप्ति होती है। अपने घर में या
गौशाला में जितनी गौओंको रख सके रखें, पर अत्यंत सुखपूर्वक ही रखें "; उनमे से किसी को भी भूखी - प्यासी न
रखें। हे परशुराम ! जो व्यक्ति अपने घर में गौओंको दुखी रखता है उसे नरक की ही
प्राप्ति होती है, इसमें
कोई संदेह नहीं। किसी दुसरे की गाय को भोजन देकर मनुष्य महान पुण्य का भागी होता
है। पूरे जाड़ें भर किसी दुसरे की गाय को ग्रास प्रदान करने वाला व्यक्ति देवताओ के
600 दिव्य वर्षों तक श्रेष्ठ स्वर्ग का
उपभोग करता है और भोजन के समय पहले ही यदि ६ मास तक गोग्रास निकाल कर उन्हें नित्य
प्रदान करता है तो वह स्वर्ग - सुख को प्राप्त करता है। गायों के हित में लगे हुए
मनुष्यों का जो अहित चाहता है वह रोरव नरक का भागी होता है। गौभक्ति , गौभक्त के राह में बाँधा पहुचने वालो
के पहले के सब पुण्य कर्म नष्ट होकर उसकी अनेको पीडिया भी नरक में चली जाती है।
अतः हे भृगु नन्दन ! इस मानव योनि में आकर इस दिव्य देह से पुण्य हो सके तो अत्यंत
आनन्द की बात है, पर
याद रहे पापो से बचाना जरूर चाहिए। शास्त्र वचन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें