!! गौ कथा धेनु मानस की !!
इस
देस मैं राम नवमी के दिन किसी बच्चे मैं राम का दर्शन कर के उसे पूजा नहीं जाता और
कृष्ण जनम दिवस पर भी किसी बच्चे मैं कृष्ण का दर्शन कर के उसे पूजा नहीं जाता पर
इस देस मैं एक नहीं दो दो बार नौ नौ दिन नवरात्रि मैं कन्या को देवी के रूप मैं
पूजा जाता हैं। इस देस मैं केवल गौ माता और कन्या को प्रत्यक्ष देवी मान कर उनकी
पूजा होती हैं।
धेनु
मानस की एक चोपाई हैं : गौ
कन्या दोनों एक रूपा।
इन
सम नहीं कोउ जगत अनूपा। भारतीय गौ माता मैं ३३ करोड़ देवता हैं। ये बात साबित करता
हुआ एक प्रसंग :एक भाई ने थोडा थोडा जहर गौ माता को दिया और फिर गाय के दूध मैं
उसने मशीन लगाया जहर नहीं था। गाय के गोबर मैं उसने मशीन लगाया जहर नहीं था। गाय
के गौ मूत्र मैं उसने मशीन लगाया जहर नहीं था। वो सोचने लगा जहर गया तो गया कहाँ।
फिर उसने गाय के गले मैं देखा तो एक सुजन सी हो गयी थी। उसमे उसने मशीन लगाया सारा
जहर वही था। गाय के गले मैं शंकर भगवान को वास हैं। शंकर भगवान ने विष पिया था और
अभी भी सारा विष पि जाते हैं।
बोलो
शंकर भगवान की जय।
बोलो गौ माता की जय।
आप
ये पूछ सकते हैं की हम तो विज्ञान के युग मैं जीते हैं हमें वैज्ञानिक ढंग से
समजावो तो एक भाई मशीन ले कर आया की आप इस मैं मंत्र बोलो। मंत्र बोले ओम नमो
भगवते वासुदेवाय , आदि
मंत्र बोले किसी मंत्र पर मशीन ४ मीटर गई किसी मंत्र पर ६ मीटर गई। पर माँ मंत्र
पर मशीन २६ मीटर गई। इसी लिए सबसे पावरफुल मंत्र है माँ। इसी लिए आज
से क्या बोलो गौ माता की जय।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें