गाय पूरे विश्व की माता है
• हमारी संस्कृति में गाय है, हमारे धर्म में गाय है। गाय का और मनुष्य के प्राणों का बहुत ही घनिष्ठ सम्बन्ध है। गाय मानवीय प्रकृति से जितनी मिल-जुल जाती है, उतना और कोई पशु नहीं मिल पाता।
• गाय जितनी प्रसन्न होती है, उतने ही उसके दूध में विटामिन्स उत्पन्न होते हैं और गाय जितनी ही दुःखी होती है, उतना ही दूध कमजोर होता है।
• गाय हमारी ही नहीं, सम्पूर्ण मानव समाज की माँ है और सारे विश्व की माँ है। गाय की रक्षा होती है तभी प्रकृति भी अनुकूल होती है, भूमि भी अनुकूल होती है। गाय की सेवा होने से भूमि की सेवा होती है और भूमि स्वयं रत्न देने लगती है।
• जैसे-जैसे आप गोसेवा करते जायेंगे, वैसे-वैसे आपको यह मालूम होता जायेगा कि गाय आपकी सेवा कर रही है। आपको यह लगेगा कि आप गाय की सेवा कर रहे हैं तो गाय हर तरह से स्वास्थ्य की दृष्टि से, बौद्धिक दृष्टि से, धार्मिक दृष्टि से आपकी सेवा कर रही है।
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