शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2013

!! गौरक्षा भी राष्ट्र रक्षा है !!

आप भारतीय है तो समझिए कि गाय हमारी माता है। गो दुग्ध स्वास्थ्य सुख दाता है।
आप किसान है तो कृषि गोरक्ष वाणिज्यं के अनुसार काम किजीए।
आप व्यवसायी है तो अर्थव्यवस्था का आधारभूत गाय को बचाने के लिए धन दीजिए।
आप सरकारी या गैर सरकारी कर्मचारी है तो साथ काम आने वाले को गाय का महत्व समझाइए।
आप विचारक हैं तो बुद्धि-बल तेज बढ़ाने के लिए गौ दुग्ध पीजिए।
आप संत-महन्त हैं तो गौ दुग्ध का ही भोग लगाइए।
आप भी प्रेमी है तो कत्ल को जाने से रोकी गई गायों को सम्भालिएं।
आप पुलिस है तो कानून की अवहेलना कर गाय-बैलों को कत्लखाने पहंचाने वालों को पकडिये।
आप वकील है तो पशु व्यापारियों के चंगुल से गाय-बैल छुड़ाने वाले लोगों का उत्साह बनाए रखने के लिए निःशुल्क मुकदमा लडिये।
आप न्यायाधीश है तो संवीधान द्वारा सुरक्षित गाय को मारने ले जाने वाले को अपराधी मानकर दण्डित कीजिए।
आप पशु व्यापारी है तो देश की अपार संपदा को नष्ट करने वाले गो व्यापार बन्द कीजिए।
आप कसाई है तो गाय पर छुरी चलाकर राष्ट्रघात मत कीजिए।
आप लेखक है तो गाय के आर्थिक, सांस्कृतिक पक्ष को उजागर करने वाली रचना कीजिए।
आप पत्रकार हैतो गाय के संबंधित समाचारों को प्रमुखता दीजिए।
आप संवेदनशील है तो अपना मर्यादित आत्मभाव पीडितों तक पहचाने के लिए गौसेवा कीजिए।
आप चिन्तक है तो लोगों के चित्त-चरित्र को प्रभावित कीजिए जिससे गौरक्षा मूलक, स्थानीय उद्योग प्रधान लोकशिक्षण परिणाम दिखाए और 21 वीं सदी रोशन हो जाए।केवल भारतीय गाय के दूध-घी का उपयोग करना चाहिए।
जब यज्ञ करें तो भारतीय गाय के घी का ही उपयोग करें ।
माताएं बहने व भाई पंचगव्य से बनी हुई सौन्दर्य प्रसाधन एवं अन्य सामग्री का ही उपयोग करें।
राष्ट्र- एवं स्वहित में गौरक्षा। क्या इनमे से आप कोई भी एक उपाय अपना सकते है ?
देश हित में....

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