गाय निर्बल दीन हीन जीवों का प्रतिनिधित्व करती है, सरलता, शुद्धता, और सात्विकता की मूर्ति है। गौ माता की पीठ में ब्रह्मा, गले में विष्णु और मुख में रुद्र निवास करते हैं, मध्य भाग में सभी देवगण और रोम रोम में सभी 'महर्षि' बसते हैं। श्रीकृष्ण को हम गोपाल कृष्ण, गोविंद कहते हैं। गाय पृथ्वी, ब्राह्मण और देव की प्रतीक है। गौ रक्षा और गौ संवर्धन हिंदुओं के आवश्यक कर्तव्य माने जाते हैं। सभी दानों में 'गोदान' का महत्त्व सर्वाधिक माना जाता है।
हिन्दू संस्कृति के अनुसार जिस घर में गाय निवास करती हैं एवं जहाँ गौ सेवा होती है, उस घर से समस्त समस्याएँ कोसों दूर रहती हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार गाय को अपनी माता के समान संम्मान दिया जाता हैं इस लिये गाय को गौ-माता कहकर पुकारते हैं।
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