''प्रिये गौ माता प्रिये गोपाल''
हमारे घर में जो दीपक जलेगा वो केवल गौ के घी का ही जलेगा और हवन में भी हम गौ के घी का प्रयोग करेंगे ।
हम जो धुप जलाएंगे वो केवल गोबर से बनी हुई ही जलाएंगे अन्यथा हम नहीं जलाएंगे।
हम नित्ये गो मूत्र का पान करेंगे।
हम दूध पियेंगे तो केवल गौ माता का ही, वर्ना पियेंगे ही नहीं।
कोई भी पूजा से पहले हम पंच्गव्ये का पान करेंगे।
अगर हमें कोई भी रोग होगा तो हम उसका इलाज गौ माता की शरण में ही जाकर करवाएंगे यानि (पंच्गव्ये चिकत्सा से)
अगर हम सबने केवल इतना भी संकल्प कर लिया तो गौ संवर्धन, गौ रक्षा स्वत: हो जाएगी, बस जरुरी है तो केवल आपका योगदान। हमारी सरकार गौ माता, देश के लिए क्या कर रही है ये इतना जरुरी नहीं है, जितना की ये जरुरी है की हम देश,समाज और गौ माता के लिए अपना क्या योगदान दे रहे है।
''प्रिय गौ माता प्रिय गोपाल''
हमारे घर में जो दीपक जलेगा वो केवल गौ के घी का ही जलेगा और हवन में भी हम गौ के घी का प्रयोग करेंगे ।
हम जो धुप जलाएंगे वो केवल गोबर से बनी हुई ही जलाएंगे अन्यथा हम नहीं जलाएंगे।
हम नित्ये गो मूत्र का पान करेंगे।
हम दूध पियेंगे तो केवल गौ माता का ही, वर्ना पियेंगे ही नहीं।
कोई भी पूजा से पहले हम पंच्गव्ये का पान करेंगे।
अगर हमें कोई भी रोग होगा तो हम उसका इलाज गौ माता की शरण में ही जाकर करवाएंगे यानि (पंच्गव्ये चिकत्सा से)
अगर हम सबने केवल इतना भी संकल्प कर लिया तो गौ संवर्धन, गौ रक्षा स्वत: हो जाएगी, बस जरुरी है तो केवल आपका योगदान। हमारी सरकार गौ माता, देश के लिए क्या कर रही है ये इतना जरुरी नहीं है, जितना की ये जरुरी है की हम देश,समाज और गौ माता के लिए अपना क्या योगदान दे रहे है।
''प्रिय गौ माता प्रिय गोपाल''
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