शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2013

गौधन

सोना-चांदी और रत्न-मणि सब धन है केवल नाम का ! 
यदि हैं कोई धन जगत में, गौधन है बस काम का !! 

गाय धरती का दुर्लभ वरदान व पृथ्वी पर देवी है: संसार का सर्वश्रेठ धन बस गौधन ही है. 
गाय विश्व की माता व भारत की आत्मा है.
गौ परम पूजनीय और परम स्तुति-योग्य माता है. गाय मनुष्य की धाय (पालक) है.
गौ भूमंडल पर मातृशक्ति का प्रत्यक्षरूप है; जो सम्पूर्ण प्राणियों की माता कहलाती है; क्योंकि यह सबको सुख देने वाली हैं.

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में चार माताएं होती है; जिनकी की पूजा होती है:
१. जननी-माता,
२.गौमाता ,
३.भूमाता व
४. जगत- माता परमेश्वरी.

जो स्थान पदार्थों में वासुन्धरा का है;

मानवता में जननी का है; सरिताओं में भागीरथी-गंगा का है;

देवों में भगवान विष्णु का है;
देवियों में दुर्गा का है; नक्षत्रों में भगवान बृहस्पति का है,
ऋषियों में अगस्त्य - ऋषि का है;
वही स्थान गऊ-माता का है...
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