क्या वजह है कि जिस देश में गाय को माता के रूप में पूजा जाता हो, वहां सरकार गौ हत्या रोकने में नाकाम है? दुख की बात है कि आज भारत के अधिकांश नगरों में गौमाता को रखने पर प्रतिबंध है ।
"जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमे रसधार नहीं,
ह्रदय नहीं वह पत्थर है जिसमे 'स्वदेश' का प्यार नहीं।"
राष्ट्र और धर्म एक दूसरेके पूरक हैँ। राष्ट्रसे धर्म है और धर्मसे राष्ट्र है। जहाँ धर्मका क्षय होता है वहीँ राष्ट्रका विखंडन होता है। जम्बू द्वीपमेँ धर्मके क्षयके साथ साथ जम्बू द्वीप राष्ट्रका विखंडन प्रारम्भ हुआ और केवल आर्यावर्त्त रह गया। आर्यावर्त्तके लोग भी धर्मसे विमुख हुए तो केवल खंडित भारत शेष रहा। अब भारतमेँ भी धर्मका नास्तिकवादियोँ (सेक्युलर) के कारण क्रमशः क्षय हो रहा है फलस्वरुप भारत पुनः विखंडनके कगार पर खड़ा है ! धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रमें कालांतरमें प्रजा धर्मसे विमुख हो जाती है और परिणामस्वरूप व्यष्टि और समष्टि जीवनमैं अनेक व्यभिचार व्याप्त हो जाते हैं अतः धर्मसापेक्ष राष्ट्र ही समृद्धिकी ओर हमें ले जा सकता है |
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