!! कामधेनु- आरती!!
ऊ
जय कामधेनु गौ माता, मैया जय जय गौ माता।
तुमको
हरदिन सेवत, हर देव गण त्राता।। ऊ जय कामधेनु गौ माता
नन्दा
- सुभद्रा- सुरभि, सुशीला- बहुला जग माता।
सूर्य-चन्द्रमा-ध्यावत, सर्व देव गाता।। ऊ जय कामधेनु गौ माता विश्व रूप तुम हो, सुख सम्पति दाता।
जो
कोर्इ तुमको पूजत, दुख दरिद्र नही आता।। ऊ जय कामधेनु गौ
माता
तीनों
लोक निवासिनी अभय दान दाता।
सर्व
धर्म की मैया,
पाप- ताप- हरता।। ऊ जय कामधेनु गौ माता
तुम
जिस घर रहती हो,
अन्न-धन्न आता।
सब
के आदर पाकर, गो भक्त बन जाता।। ऊ जय कामधेनु गौ
माता
तुम
बिन यज्ञ न होते, दविष्य
न हो पाता।
दूध
दही गौलोवन, सब तुम से आता।। ऊ जय कामधेनु गौ माता
कामधेनु-
तुम ही कहलाती,
जग में ज्योत जलाती।
खान-पान
का वैभव, सब तुमसे आता।। ऊ जय कामधेनु गौ माता
गौ
माता जी की आरती, जो
कोर्इ नर गाता।
उल्लास
भरे ह्रदय से,
सुख- आनंद पाता।।
ऊ
जय कामधेनु गौ माता, ऊ
जय कामधेनु गौ माता।।
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