क्या ईस्लाम धर्म गौ वध करने ईजाजत देता है ?
1.गाय का दुध और घी तुम्हारी तंदुरुसती के लिए बहुत जरुरी है। उसका गोश्त नुकशानदेह और बीमारी पैदा करता है। जबकि उसका दुध भी दवा है l -हजरत मुहम्मद ( नासिहातै हादौ )
2.गाय का दुध बदन की खुबसुरती और तंदुरुस्ती बढाने का बङा जरिया है-हजरत मुहम्मद (बेगम हजरत आयशा से)
3.बिना शक तुम्हारे लिए चौपायो मे भी सीख है।गाय के पेट की चीजो में से गोबर और खुन के बीच में से साफ दुध,जो पीनेवालो के लिए स्वादवाला है,हम तुम्हे पिलाते है।(कुरान शरीफ 16-66)
4.मुगल बादशाह ने बताया है कि "मुस्लमान को गाय नही मारनी चाहिए।ऐसा करना हदीस के खिलाफ है" (मौलाना हयात साहब खानखाना हाली समद साहब)
5.बाबर ने मरने से पहले अपने पुत्र हुमायुँ को कहा था कि"गाय और गाय के वंश की तुम ईज्जत और हिफाजत सदा करना"
आजकल अधिकांश के ये बात समझ मे पता नही क्यु नही आती ब्लकि एक बात है कि मुगल काल मे गौ हत्या नही होती थी l
1.गाय का दुध और घी तुम्हारी तंदुरुसती के लिए बहुत जरुरी है। उसका गोश्त नुकशानदेह और बीमारी पैदा करता है। जबकि उसका दुध भी दवा है l -हजरत मुहम्मद ( नासिहातै हादौ )
2.गाय का दुध बदन की खुबसुरती और तंदुरुस्ती बढाने का बङा जरिया है-हजरत मुहम्मद (बेगम हजरत आयशा से)
3.बिना शक तुम्हारे लिए चौपायो मे भी सीख है।गाय के पेट की चीजो में से गोबर और खुन के बीच में से साफ दुध,जो पीनेवालो के लिए स्वादवाला है,हम तुम्हे पिलाते है।(कुरान शरीफ 16-66)
4.मुगल बादशाह ने बताया है कि "मुस्लमान को गाय नही मारनी चाहिए।ऐसा करना हदीस के खिलाफ है" (मौलाना हयात साहब खानखाना हाली समद साहब)
5.बाबर ने मरने से पहले अपने पुत्र हुमायुँ को कहा था कि"गाय और गाय के वंश की तुम ईज्जत और हिफाजत सदा करना"
आजकल अधिकांश के ये बात समझ मे पता नही क्यु नही आती ब्लकि एक बात है कि मुगल काल मे गौ हत्या नही होती थी l
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें