आप सभी गौभक्तों,गौरक्षको और गौपुत्रो को
संत भूरिया बाबा गोशाला हरसोलाव (नागौर) राजस्थान की और से
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें ..........
मकर -सक्रांति.....
चन्द्रमा पर आधारित पंचाग के अनुसार जब सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा पर आ जाता है तब उसे सूर्य उत्त्रय्ना कहा जाता है पौष माह के मध्य मे और आधुनिक पंचाग के अनुसार १४ जनवरी के दिन पड़ता है सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि मे आने और जाने को सक्रांति कहते है पूरे भारतवर्ष मे यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता रहा है पंजाब मे लोहडी,उत्तर भारत मे मकर-सक्रांति, दक्षिण मे पोंगल,पूर्वीय पर्वर्तीय भारत मे बिहू के रूप मे मनाया जाता है लोग इस दिन को तिल और खिचडी सक्रांति भी कहते है क्योकि इस दिन के ये प्रशिद्ध पकवान है यह त्यौहार हिन्दू लोगो के लिए बहुत ही शुभ दिन है और इस दिन लोग सुबहे सूर्य निकलने से पूर्व ही ही स्नान करते हुए ही सूर्य देवता की पूजा करते है और संपूर्ण भारत मे हिन्दू लोग भारी संख्या मे पवित्र नदिया मे स्नान करते है और गौमाता की पूजा करते है साथ ही गरीबो के लिए दान और भोजन का प्रबंध करते है
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