!! गौ कथा गुरु गोरखनाथ की जन्म कथा !!
एक
फक्कड़ साधू अलख निरंजन करता - करता गावँ - गावँ फिर रहा था। वो भिक्षा मागने के
लिए एक माता के पास आया। माता ने तुरंत भिक्षा दी। पर वो साधू ने देखा की यह माता
उदास है । साधू ने माता से पूछा की माँ उदास क्यों हो ? माता ने बताया की मेरा कोई पुत्र नहीं
है , इसीलिए उदास हूँ । साधू सिद्ध महात्मा
थे उसने माता को झोली में से एक मुठ्ठी राख दी और कहा इसे खा ले पुत्र हो जायेगा।
साधू चला गया। माता ने बहुत सोचा और फिर वो राख को नहीं खाया। १२ साल बाद वो साधू
फिर से उसी माता के पास आया और कहा की माता आपका बेटा नहीं दिखाई दे रहा माता ने
कहा की मैंने वो राख नहीं खाई साधू ने पूछा की माता तूने वो राख कहा फेंकी वो माता
साधू को गोबर के गढढे के पास ले गयी मैंने राख यहाँ फेंकी थी। उस साधू ने उस गोबर
के गढढे मै से १२ साल का बालक पैदा कर दिया। वो ही थे गुरु गोरखनाथ। जिन्होंने गावं
- गावं , शहर - शहर फिर कर एक ही मन्त्र दिया
गोरख यानि गाय रख तभी तेरा कल्याण होगा। पूर्व में इस देस के गुरूओं का एक ही
मंत्र था गोरख। गोरख मतलब गौ माता को घर मैं रख।आज के गुरुओं का मन्त्र गाय मेरे
आश्रम में रख मेरी गौशाला में रख है ताकि वे एक गाय के लिए 50 लोगो से चन्द ले सके गाय एक भी ना
पाले ..सबहि नचावत राम गुसाई।गुरु गोरखनाथ महाराज की जय।
1
- जिस घर मैं गौ
के घी का दीपक जलता हैं वहां पर १० मीटर तक सात्विक तरंगे निकलती हैं, ये तो वैज्ञानिको की रिपोर्ट हैं। अगर
आपके पडोसी का घर १० मीटर के अन्दर आता होंगा तो उसका भी कल्याण हो जायेगा।
2
- गोली मतलब जिसने
गौ माता को लिया , घर
मैं रखा उसको ज़िन्दगी मैं कभी गोली नहीं खानी पड़ेगी।
3
- तुम्हारे यहाँ
एक शब्द हैं "गोरखधंधा " मतलब गौ को घर मैं रख तो तेरा धंधा अच्छा
चलेगा।
4
- घर मैं आप गौ
माता का घी तो ला ही सकते हो। उस घी को अपने नाक मैं जरुर डालना क्योंकि १०१
बिमारिओ सिर्फ नाक मैं गाय का घी डालने से ख़तम हो जाती हैं जैसे की चश्मे का नंबर , पित्त , उलटी , फेफड़ो की कमजोरी , सर दर्द आदि बहुत सी बीमारिया चुटकी
मैं ख़तम हो जाएगी। बोलो गौ माता की जय।
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