!! गौ कथा गावो विश्वस्य मातरः !!
आज
भारत वर्ष मे ही नहीं पूरे विश्व मे सभी मानव सुखी है पर जीव मात्र की माता कहलाने
का अधिकार रखने वाली वेदों द्वारा पूज्यनीय, देवताओं को भी भोग और मोक्ष प्रदान
करने की शक्ति रखने वाली गौ माता आज सड़कों पर मल, गन्दगी, प्लास्टिक खाने को मजबूर है |पर भगवान श्री कृष्ण की कृपा से आज भी
भारत वर्ष मे ही नहीं पूरे विश्व मे कुछ ऐसे पुण्यवान, भामाशाह और अपनी माँ के कोख को धन्य
करने वाले गौ भक्त भी है, जिनके
सहयोग से आज भी लाखो गौवंश गौशालाओं मे, किसानों के यहाँ, अपने
घर पर ही सुरक्षित है | क्या
ये गौभक्त, जिनकी वजह से पूरी सृष्टी का संतुलन
बना हुआ है, आगे भी इसी प्रकार गौ - सेवा में
संलग्न रह सकेंगे ? शेष
मानव जाति को जिनको परमात्मा ने सोचने के लिए बुद्धि दे रखी है का भी कर्तव्य बनता
है कि इस गो संवर्धन को उठाने मे, इस
राम सेतु को बनाने मे ग्वाल -बालो एवं गिलहरी की तरह थोडा - थोडा यथा योग्य योगदान
दे | जब हम थोडा-थोडा योगदान देंगे तो हम
सभी गौभक्तों के लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं रहेगा | शास्त्र कहता है --- गौ भक्त जिस-जिस
वस्तु की इच्छा करता है वह सब उसे प्राप्त होती है | स्त्रियों मे भी जो गौओं की भक्त है, वे मनोवांछित कामनाएं प्राप्त कर लेती
है | पुत्रार्थी पुत्र पाता है, कन्यार्थी कन्या, धनार्थी धन, धर्मार्थी धर्म, विद्यार्थी विद्या और सुखार्थी सुख पा
जाता है | विश्व भर मे कही भी गौभक्त को कुछ भी
दुर्लभ नहीं है | यहाँ
तक की मोक्ष भी बिना गाय के पूंछ पकडे संभव नहीं | वैतरणी पर यमराज एवं उसके गण भयभीत
होकर गाय के पूंछ पकडे जीव को प्रणाम करते है | देवताओं और दानवो के द्वारा समुद्र
मंथन के वक्त ५ गायें उत्पन्न हुई, इनका
नाम था- नंदा,
सुभद्रा, सुरभि, सुशीला और बहुला | ये सभी गायें भगवान की आज्ञा से
देवताओं और दानवों ने महर्षि जमदग्नि, भारद्वाज, वशिष्ट, असित और गौतम मुनि को समर्पित कर दीं | आज जितने भी देशी गौवंश भारत एवं इतर
देशो मे है, वह सब इन्ही ५ गौओं की संताने है और
हमारे पूर्वजो एवं ऋषियों का यह महाधन है | क्या हम सिर्फ गोत्र बताने के लिए ही
अपने ऋषियों की संताने हैं? उनकी
सम्पति गौ धन को बचाना हमारा कर्तव्य नहीं | आज भारत वर्ष मे ही करोड़ों लोग सुबह -
शाम देवालयों मे माथा टेक कर भगवान से मनोकामनाएँ मांगते है, पर इन मे से लाखों लोगो को यह तक भी
मालूम नहीं है की जिस देवता से वे याचना कर रहे है उन्हें कुछ भी दे देने की शक्ति
तभी आएगी जब हवन द्वारा अग्नि के मुख से देवताओं तक शुद्ध गौ घृत पहुंचेगा | जब हम हवन में गाय के घी से मिश्रित
चरू देवताओं को अर्पण करते है | उस
उत्तम हविष्य से देवता बलिष्ट एवं पुष्ट होते है | जब देवता शक्तिशाली होगा तभी अपनी
शक्ती के बल पर आपकी-हमारी मनोकामनाएं पूरी करने मे समर्थ होंगे | पर जब गौवंश ही नहीं रहेगा तो शुद्ध गौ
घृत कहा से आएगा? और
शुद्ध गौ घृत नहीं होगा तो हवन कहा से होगा? और हवन नहीं होंगे तो देवता पुष्ट कैसे
होंगे? और देवता पुष्ट नहीं होंगे तो शक्तिहीन
देवता मनोकामनाएं पूर्ण कैसे करेँगे ? आज हम लोग पेड़ लगा देते है पानी खाद नहीं डालेंगे तो फल कहा से
लगेंगे? यह प्रकृति के नियम के विरुद्ध है | आज जितने भी कथाएं होती है, यज्ञ, अनुष्टान होते हैं, जप-तप होते है उनमें नाम-जप का कुछ प्रभाव
पड़ता हो पर अंत मे जो यज्ञ होता है वह सफल कितने होते है यह राम को ही मालूम | क्योंकि इन यज्ञों मे शुद्ध गौ घृत का
उपयोग नहीं के बराबर होता है | आज
भारत वर्ष मे पूर्व की अपेक्षा यज्ञ, धर्म, कर्म
अधिक हो रहे है पर फल नहीं मिलता, यज्ञ
सफल नहीं होते,
क्या कारण है? इसके मूल मे यही है की जिस धरती पर गौ, ब्राहमण, साधू-संत, स्त्री दुखी होते है वहां पर पुण्य
कर्म फल नहीं देते |
कुछ
संतो ने, विद्वानों ने गौ माता के बारे मे इस
तरह कहा :
1- गौवंश की रक्षा मे देश की रक्षा समाई
हुई है. -- मदन मोहन मालवीयजी |
2- गौवंश की रक्षा इश्वर की सारी मूक
सृष्टी की रक्षा करना है,भारत
की सुख समृधि गौ के साथ जुडी है. -महात्मा गाँधी जी |
3- समस्त गौ वंश की हत्या कानूनन बंद होनी
चाहिए.अब भारत आजाद है |--- गौ
प्राण करपात्रीजी महार
4- गौ का समस्त जीवन देश हितार्थ समर्पित है,अतः भारत मे गौ वध नहीं होना चाहिए |--माता आनंदमयी जी माँ |
5- यही आस पूरण करो तुम हमारी, मिटे कष्ट गौअन, छूटे खेद भारी |----गुरु गोविन्द सिंहजी |
6- भारत मे गौवंश के प्रति करोडो लोगो की
आस्था है, उनकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए |----लाल बहादुर शास्त्री |
7- सम्पूर्ण गौवंश परम उपकारी है | सबका कर्तव्य है तन, मन, धन लगाकर गौ हत्या पूर्ण रूप से बन्द
करावे.----सेठ जुगल किशोर बिडला जी |
8 -
जब तक भारत की भूमि पर गौ रक्त गिरेगा
तब तक देश सुख-शांति ,धन-धान्य, से वंचित रहेगा -गौ प्राण हनुमान प्रसाद पोद्दारजी |
9 - सम्पूर्ण गौ वंश हत्या बंद कर के
राष्ट्र की उन्नति के लिए गौ को राष्ट्र पशु घोषित कर भारत सरकार यशजीवी बने | --गौ रक्षा हेतु ७३ दिन तक अन्न-जल त्याग
देने वाले पूरी के शंकराचार्य स्वामी निरंजन देव तीर्थ जी महाराज |
10 -
राम मंदिर, राम सेतु, आदि मुद्दो से भी पहला मुद्दा गौ हत्या
बंद कानून बनाने के लिए सरकार को बाध्य करना होना चाहिए |---- गौ चरणों का दास
गोवत्स राधेश्याम रावोरिया
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