1870 का एक ऐसा इतिहास जो अंग्रेजो ने छुपा कर रखा और इस देश के इतिहास कारो ने भी उसका जिक्र नहीं किया ........1870 से 1894 तक यानी पुरे 24 साल तक गो हत्या निषेध आन्दोलन का जबरदस्त विरोध हुआ ......और इस आन्दोलन की सुरुआत आर्य समाज ने किया था ......परंम पूजनीय महर्षिय दयाआनद से दीक्षा लेकर नोजवान इस आन्दोलन में कूदे थे।
ये आन्दोलन जींद से सुरु हुई थी......और ये प्रण लिया गया था की गाय को कटने नहीं देंगे और जो अंग्रेज उसे काटेगा उसे हम काटेंगे। जींद से शुरु हुई ये आन्दोलन पुरे भारत में फ़ैल गई थी। एक करोड़ से जायदा कार्य कर्ता पुरे देश में विरोध कर रहे थे। जानते हैं ये विरोध कैसे करते थे .......जहा जहा अंग्रेजो के कत्ल खाने थे उसके आगे ये समूह में लेट जाते थे ....और जो गाडिया पशुओ से भर कर ले जाते थे उससे कहते की पहले हमें मारो फिर गो माता को मारना इस तरह गाय कटने बंद होने लगे .....और इने लोगो ने किशानो को समझाना शुरु किया की हम गाय पालते हैं ।अंग्रेज काटते हैं। हम बेचेंगे नहीं तो वो गाय काटेंगे कैसे।।
अब अंग्रेजो की मुश्किल बढती जा रही थी। क्यूंकि वो बिना गो मॉस खाए नहीं रह सकते थे ......धीरे धीरे अंग्रेजो सेना में ही विद्रोह पड़ने लगे था .......उनका कहना था की गो मॉस नहीं मिला तो हम बगावत करेंगे ........इस तरह मुश्किले बढ़ने लगी थी.....अंग्रेजो के लिए एक तरफ कुआ और एक तरफ खाई की स्तिथि हो गई थी। तब विक्टोरिया ने हस्तछेप किया और लेंस डाउन नामक अंग्रेज को पत्र लिखा.....
पत्र में लिखा की .........ये जो गाये कटती हैं हमारे लिए ही कटती हैं क्यूंकि भारत भाषी खाना पसंद नहीं करते हैं। यहाँ तक की मुश्ल्मान भी इसे नहीं खाते हैं क्यूंकि उनका मानना हैं की उनके पूर्वज भी हिन्दू ही थे। तो अब जो गाय कटने बंद हुए हैं इसका एक ही उपाय हैं की क़त्ल खाने में गाय काटने के लिए मुस्लिम को ही भर्ती करो (पहले अंग्रेज ही काटते थे) और हिन्दुओ को ये बताओ की तुम्हारी जो गाय कट रहे हैं मुश्लिम काट रहे हैं ........ तो इस तरह सुरु हुआ फुट डालो शासन करो .......अब तक जो दोनों साथ मिलकर इस आन्दोलन में हिस्शेदार थे अब एक दुसरे के विरोधी होने वाले थे।
अब लेंस डाउन ने पत्र पढने के बाद भर्ती करने के लिए मुश्लिम को बुलाया ......लेकिन कोई मुश्लिम ने हामी नहीं भरा .......फिर कहा लेंस डाउन ने की कोई तो होगा मुश्लिम समुदाय में खोजो......तब कुरेसी समुदाय समुदाय को मारकर ,पीटकर , प्रताड़ित कर भर्ती किया .... मारकर और पीटकर जो गाय कटवाते थे .......अंग्रेज जाकर प्रचारित करते की देखो मुश्लिम तुम्हारी गाय काट रहे हैं ........और इस तरह शुरू हुआ हिंदू मुश्लिम का पहला दंगा 1897 में अंग्रेजो द्वारा ..............
कितनी सालो का आन्दोलन को एक निति ने नष्ट कर दिया .......जो हिन्दू मुश्लिम साथ साथ मिलकर लड़े ......अब दुष्प्रचार से विरोधी हो गए थे और इसका फायदा अंग्रेज बखूबी ले रहे थे .......गाय कटना शुरू हो गया ......और देश में फुट भी पड़ गई
तब से अब तक दोनों में फुट पड़ी हैं ......और गो माँ भी कट रही हैं ......तब वो अंग्रेज थे ......आज ये अनग्रेज हैं।
ये आन्दोलन जींद से सुरु हुई थी......और ये प्रण लिया गया था की गाय को कटने नहीं देंगे और जो अंग्रेज उसे काटेगा उसे हम काटेंगे। जींद से शुरु हुई ये आन्दोलन पुरे भारत में फ़ैल गई थी। एक करोड़ से जायदा कार्य कर्ता पुरे देश में विरोध कर रहे थे। जानते हैं ये विरोध कैसे करते थे .......जहा जहा अंग्रेजो के कत्ल खाने थे उसके आगे ये समूह में लेट जाते थे ....और जो गाडिया पशुओ से भर कर ले जाते थे उससे कहते की पहले हमें मारो फिर गो माता को मारना इस तरह गाय कटने बंद होने लगे .....और इने लोगो ने किशानो को समझाना शुरु किया की हम गाय पालते हैं ।अंग्रेज काटते हैं। हम बेचेंगे नहीं तो वो गाय काटेंगे कैसे।।
अब अंग्रेजो की मुश्किल बढती जा रही थी। क्यूंकि वो बिना गो मॉस खाए नहीं रह सकते थे ......धीरे धीरे अंग्रेजो सेना में ही विद्रोह पड़ने लगे था .......उनका कहना था की गो मॉस नहीं मिला तो हम बगावत करेंगे ........इस तरह मुश्किले बढ़ने लगी थी.....अंग्रेजो के लिए एक तरफ कुआ और एक तरफ खाई की स्तिथि हो गई थी। तब विक्टोरिया ने हस्तछेप किया और लेंस डाउन नामक अंग्रेज को पत्र लिखा.....
पत्र में लिखा की .........ये जो गाये कटती हैं हमारे लिए ही कटती हैं क्यूंकि भारत भाषी खाना पसंद नहीं करते हैं। यहाँ तक की मुश्ल्मान भी इसे नहीं खाते हैं क्यूंकि उनका मानना हैं की उनके पूर्वज भी हिन्दू ही थे। तो अब जो गाय कटने बंद हुए हैं इसका एक ही उपाय हैं की क़त्ल खाने में गाय काटने के लिए मुस्लिम को ही भर्ती करो (पहले अंग्रेज ही काटते थे) और हिन्दुओ को ये बताओ की तुम्हारी जो गाय कट रहे हैं मुश्लिम काट रहे हैं ........ तो इस तरह सुरु हुआ फुट डालो शासन करो .......अब तक जो दोनों साथ मिलकर इस आन्दोलन में हिस्शेदार थे अब एक दुसरे के विरोधी होने वाले थे।
अब लेंस डाउन ने पत्र पढने के बाद भर्ती करने के लिए मुश्लिम को बुलाया ......लेकिन कोई मुश्लिम ने हामी नहीं भरा .......फिर कहा लेंस डाउन ने की कोई तो होगा मुश्लिम समुदाय में खोजो......तब कुरेसी समुदाय समुदाय को मारकर ,पीटकर , प्रताड़ित कर भर्ती किया .... मारकर और पीटकर जो गाय कटवाते थे .......अंग्रेज जाकर प्रचारित करते की देखो मुश्लिम तुम्हारी गाय काट रहे हैं ........और इस तरह शुरू हुआ हिंदू मुश्लिम का पहला दंगा 1897 में अंग्रेजो द्वारा ..............
कितनी सालो का आन्दोलन को एक निति ने नष्ट कर दिया .......जो हिन्दू मुश्लिम साथ साथ मिलकर लड़े ......अब दुष्प्रचार से विरोधी हो गए थे और इसका फायदा अंग्रेज बखूबी ले रहे थे .......गाय कटना शुरू हो गया ......और देश में फुट भी पड़ गई
तब से अब तक दोनों में फुट पड़ी हैं ......और गो माँ भी कट रही हैं ......तब वो अंग्रेज थे ......आज ये अनग्रेज हैं।
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